नई दिल्ली। चक्का फेंक एथलीट इंद्रजीत सिंह के बी नमूने का परीक्षण भी प्रतिबंधित पदार्थ का पॉजीटिव पाया गया है जिससे उनकी रियो ओलिंपिक में भाग लेने की उम्मीद लगभग खत्म हो गई हैं। 28 वर्षीय वर्षीय इंद्रजीत का ए नमूना 25 जून को प्रतिबंधित स्टेराइड एंड्रोस्टेरोन और इटियोकोलैनोलोन का पॉजीटिव पाया गया था। सूत्रों ने बताया कि अब उनका बी नमूना भी जांच में इसी पदार्थ का पॅजीटिव पाया गया है।
इंद्रजीत को अस्थाई रूप से निलंबित कर दिया गया था और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने उन्हें दूसरा नोटिस भेजा दिया। अब वह सुनवाई के लिए नाडा की अनुशासनात्मक पैनल के समक्ष प्रस्तुत होंगे, जिसमें उन्हें पैनल के समक्ष अपना मामला पेश करने का मौका दिया जाएगा। इस खिलाड़ी का टूर्नामेंट के बाहर का परीक्षण 22 जून को कराया गया था।
साजिश और नमूने के साथ छेड़छाड़ का आरोप
इंद्रजीत ने दावा किया था कि उनके खिलाफ साजिश की गई है और उसके नमूने के साथ छेड़छाड़ की गई है। इंद्रजीत ने कहा था, यह साजिश है और इसमें कुछ गलत हुआ है। मेरे नमूने के साथ छेड़छाड़ की गई है। हालांकि इसकी जांच डॉक्टरों द्वारा की जाएगी। एक खिलाड़ी ऐसी चीज क्यों लेगा जो उसके स्वास्थ्य के लिए अच्छी नहीं है। इंद्रजीत राष्ट्रीय शिविर के बजाए अपने निजी कोच के साथ ट्रेनिंग करते हैं।
चार साल का प्रतिबंध लगेगा
वर्ष 2014 में एशियाई खेलों का कांस्य पदक जीतने वाले इंद्रजीत का ए नमूना पॅजीटिव पाए जाने के बाद नाडा ने पंजाब में जन्में इस एथलीट से पूछा था कि अगर वह अपना बी नमूना भी परीक्षण के लिए देना चाहता है तो उसे ऐसा सात दिन के अंदर ही करना होगा। सूत्रों ने कहा कि इंद्रजीत ने गुरुवार को बी नमूने के परीक्षण का निवेदन किया था और इसका नतीजा मंगलवार को आया है।
मौजूदा एशियाई चैंपियन को अब वाडा की नई संहिता के अंतर्गत चार साल के प्रतिबंध का सामना करना होगा। वह पांच अगस्त से होने वाले रियो ओलिंपिक से भी लगभग बाहर हो गए हैं, हालांकि इस एथलीट की स्पर्धा 12 अगस्त से शुरू होगी।