वाराणसी। डोपिंग पर मचे बवाल के बीच रेसलर नरसिंह यादव का रियो ओलंपिक से बाहर होना लगभग तय हो गया है। हालांकि आज नरसिंह पर राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) का फैसला आना बाकी है। वहीं उम्मीद खो चुके नरसिंह के माता-पिता अनशन पर बैठ गए हैं। दूसरी ओर, डोप प्रकरण में फंसे नरसिंह यादव को लेकर प्रवीण राणा भी दुखी हैं।
तब भी ओलिंपिक में नहीं जा पाएंगे नरसिंह
नाडा की जांच में नरसिंह के ए नमूने के साथ बी में प्रतिबंधित मेथेंडाइनोन नाम का स्टेरॉयड मिला है। नाडा ने बी नमूने का खुलासा बुधवार को किया। सूत्रों के अनुसार नाडा ने अगर उनके साथ साजिश की बात मान भी ली तब भी नरसिंह ओलिंपिक में नहीं जा पाएंगे, क्योंकि प्रतिबंधित दवाएं उनके शरीर के अंदर हैं और वो तब तक खेल नहीं पाएंगे जब तक शरीर दवा मुक्त न हो जाएं।
बेटे को न्याय मिलने के बाद ही खाएंगे खाना
नरसिंह के पिता पंचम यादव और मां भूलना देवी ने कहा की उनके बेटे के साथ बड़ी साजिश हुई है। जब तक हमारे बेटे को न्याय नहीं मिलेगा तब तक हम अन्न ग्रहण नहीं करेंगे। उन्होंने कहा की उनके बेटे के खाने में मिलावट करने वाले की पहचान होने के साथ एफआईआर भी दर्ज हो गई है, लेकिन अभी तक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई। माता-पिता का कहना है की जब तक दोषियों को सजा नहीं जाती तब तक वे कुछ खाएंगे न कुछ पीएंगे। वहीं उनका कहना है कि जब पीएम मोदी ने इस मामले पर गंभीरता दिखाई तब हमें न्याय की उम्मीद जागी।
नरसिंह के गांव में प्रदर्शन
उधर, नरसिंह यादव को न्याय दिलाने की मांग पर वाराणसी से बीस किलोमीटर दूर उनके गांव खरदहां मुरेरी में बुधवार को कई संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया।
...तो रियो जाएंगे नरसिंह
भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह ने कहा कि अगर हम राणा का नाम नहीं भेजते तो हम ओलिंपिक कोटा खो देते। नरसिंह के रियो जाने की संभावना पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। अब यह नरसिंह पर है कि वह अपने आप को निर्दोष साबित कर पाते हैं या नहीं। अगर वह खुद को निर्दोष साबित कर पाते हैं तो वह रियो ओलिंपिक में जाएंगे। हालांकि एक और लड़ाई लड़ना पड़ेगी।
क्या है नियम
वाडा का नियम 10.4 कहता है कि यदि साजिश के तहत किसी को फंसाया गया है, तभी उसे निलंबन से छूट दी जाएगी। यदि नरसिंह पूरी तरह अपना पक्ष साबित नहीं कर सके तो उन्हें कम से कम एक साल का निलंबन झेलना होगा।
राणा को विकल्प के तौर पर चुना गया
भारतीय कुश्ती महासंघ ने डोप प्रकरण में फंसे नरसिंह यादव के विकल्प के तौर पर रियो ओलिंपिक की 74 किलो फ्रीस्टाइल स्पर्धा में प्रवीण राणा का नाम तय किया है जो नरसिंह को क्लीन चिट नहीं मिलने की दशा में खेलेंगे। डब्ल्यूएफआई ने राणा और जितेंदर को नरसिंह का स्टैंड बाय रखा था। राणा ने 2014 में अमेरिका में डेव शूल्ट्ज मेमोरियल कुश्ती टूर्नामेंट में 74 किलो वर्ग में स्वर्ण जीता था।
इसलिए दिया गया प्रवीण का नाम
महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने कहा , राणा का नाम 25 जुलाई की समय सीमा के भीतर विकल्प के तौर पर भेज दिया गया था। हमें अभी भी उम्मीद है कि नरसिंह बेकसूर साबित होकर रियो जाएंगे। डोप टेस्ट में नाकाम रहने के बाद नरसिंह अस्थायी तौर पर निलंबित हैं। प्रवीण का नाम अभी इसलिए दिया गया है ताकि ओलिंपिक में कोटा बना रहे।