नई दिल्ली। राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता और जल्द ही बिग बाउट लीग में नजर आने जा रहे भारतीय मुक्केबाज मनोज कुमार ने बताया है कि पिछले छह वर्षों से उनके पास कोई प्रायोजक नहीं है और वह वित्तीय परेशानियों से जूझ रहे हैं। मनोज ने बताया कि खेल के दौरान लगी चोट से निपटने के लिए भी उन्हें बड़ी राशि अपनी जेब से खर्च करनी पड़ी है। ऐसी स्थिति में आगामी बिग बाउट लीग से उन्हें उम्मीद की किरण मिली है जिससे उन्हें अपनी आर्थिक स्थिति को पटरी पर लाने का अवसर मिला है। अर्जुन पुरस्कार विजेता मुक्केबाज दो बार ओलंपिक में भाग ले चुके हैं, लेकिन अभी तक अपने रेल विभाग में क्लास 2 रैंक का इंतजार कर रहे हैं।
मनोज ने कहा,‘‘मेरे पिता और बड़े भाई का सपना रहा है कि मैं ओलंपिक में पदक जीतूं। इस लीग के आयोजित होने से मुझे अपनी तैयारियों का जायजा लेने का अवसर मिलेगा। वैसे भी साल भर चोट से दूर रहने के बाद पूरा माहौल चुनौतीपूर्ण हो जाता है।’’ मनोज ने कहा कि उनके वजन में चुनौती भी अब काफी बढ़ गया है। बिग बाउट लीग के लिए उनकी तैयारियां ओलंपिक क्वॉलिफाइंग के लिए होने वाले ट्रायल में उनके काम आएंगी और एक तरह से बिग बाउट लीग ओलंपिक पदक जीतने के रास्ते की पहली सीढ़ी है और इसके लिए वह अपने लम्बे अनुभव का पूरा इस्तेमाल करेंगे।