नई दिल्ली। सरकार ने कहा है कि पिछले तीन वर्षों में एक करोड़ रुपए से अधिक के आयकरदाताओं की संख्या में तेज वृद्धि दर्ज की गई है और वर्ष 2014-15 में कुल 88649 करदाताओं ने एक करोड़ रुपए से अधिक का रिटर्न दाखिल किया था और वर्ष 2017-18 में इसकी संख्या 60 फीसदी बढ़कर 1.40 लाख पर पहुंच गई। केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने सोमवार को यहां आयकर रिटर्न से जुड़े टाइम सीरीज डाटा जारी किए जिससे यह खुलासा हुआ है। इसमें कहा गया है कि व्यक्तिगत स्तर पर एक करोड़ रुपए से अधिक के रिटर्न भरने वालों की संख्या में इस अवधि में 48416 की तुलना में 68 फीसदी बढ़कर 81344 पर पहुंच गई है।
सीबीडीटी ने वर्ष 2017-18 तक के टाइम सीरीज डाटा जारी किए हैं और इसमें आंकलन वर्ष 2016-17 और 2017-18 के आय विवरण आंकड़े भी दिए गए हैं। सीबीडीटी के अध्यक्ष सुशील चंद्रा ने कहा नए आंकड़ों से यह प्रतीत होता है कि सरकार द्वारा किए गए विधायी और प्रशासनिक उपायों से अनुपालन के स्तर में सुधार हुआ है। कर चोरी के विरूद्ध कार्रवाई से भी रिटर्न भरने वालों की संख्या में बढोतरी हुई है।
आंकड़ों के अनुसार जीडीपी अनुपात में पिछले तीन वर्षाें में लगातार वृद्धि जारी है और वर्ष 2017-18 का प्रत्यक्ष कर जीडीपी अनुपात 5.98 फीसदी रहा जो पिछले 10 वर्षाें का सबसे बेहतर आंकड़ा है। पिछले तीन वर्षां में आयकर रिटर्न भरने वालों की संख्या भी 80 फीसदी बढ़ी है। वर्ष 2013-14 में 3.79 करोड़ लोगों ने रिटर्न भरा था जो वर्ष 2017-18 में बढ़कर 6.85 करोड़ हो गया।
सीबीडीटी के अनुसार वर्ष 2013-14 में 3.31 करोड़ लोगों ने रिटर्न भरा था जिनकी संख्या वर्ष 2017-18 में 65 फीसदी बढ़कर 5.44 करोड़ पर पहुंच गई। आंकलन वर्ष 2014-15 में रिटर्न भरने वालों ने कुल 26.92 लाख करोड़ रुपए की सकल आय की घोषणा की जो आंकलन वर्ष 2017-18 में 67 प्रतिशत बढ़कर 44.88 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गई। इस अवधि में कार्पोरेट करदाताओं द्वारा औसत कर भुगतान 32.28 लाख रु. से 55 फीसदी बढ़कर 49.95 लाख रु. पर पहुंच गया। इस अवधि में व्यक्तिगत आयकरदाताओं द्वारा चुकाया गया औसत कर भी 46377 रुपए की तुलना में 55 फीसदी बढ़कर 58576 रुपए पर पहुंच गया।
वेतनभोगी करदाताओं की संख्या भी बढ़ी
आंकड़ों के अनुसार इस अवधि में वेतनभोगी करदाताओं की संख्या भी 1.70 करोड़ की तुलना में 37 प्रतिशत बढ़कर 2.33 करोड़ हो गई है। वेतनभागियों द्वारा घोषित औसत आय भी 5.67 लाख रुपए की तुलना में 19 फीसदी बढ़कर 6.84 लाख रुपए हो गई। उपरोक्त अवधि में गैर वेतनभोगी व्यक्तिगत करदाताओं की संख्या भी 1.95 करोड़ की तुलना में 19 प्रतिशत बढ़कर 2.33 प्रतिशत हो गई है और इनके द्वारा घोषित औसत आय भी 4.11 लाख रुपए की तुलना में 27 प्रतिशत बढ़कर 5.23 लाख रुपए हो गई है।