नई दिल्ली। बैंक में चल रहे बचत खाते से अगर आप 12 महीने तक कोई लेनदेन या या यूज नहीं करते है तो बैंक द्वारा आपका एटीएम, चेक आदि सुविधाएं बंद कर दी जाएगी। आरबीआई के नियमों अनुसार अगर किसी बैंक खाते में एक साल तक कोई लेन-देन नहीं हो रहा है, तो उसे 'इनऑपरेटिव' अकाउंट की श्रेणी में रख दिया जाता है।
ऐसा इसलिए किया जाता है, ताकि उन्हें किसी भी संभावित फ्रॉड से बचाया जा सके। खाता इनऑपरेटिव हो जाने पर भी आपको फायदा यह होगा कि अगर कुछ पैसा आपके खाते में जमा है, तो उस पर ब्याज मिलता रहेगा। लेकिन आप डेबिट कार्ड के लिए अप्लाई नहीं कर पाएंगे और न ही नई चेक बुक ले पाएंगे।
इनऑपरेटिव अकाउंट होने पर आपको बैंक सूचित करता है। लेकिन इस सूचना के बाद भी आप ने उस खाते से कोई लेन-देन नहीं किया, तो 24 महीने से ज्यादा का वक्त होने के बाद वह 'डोरमैंट' अकांउट बन जाएगा। जिस भी बैंक खाते से 24 महीनों तक कोई भी लेन-देन नहीं होता है। उसे बैंक 'डोरमैंट' की श्रेणी में डाल देते हैं। अकाउंट एक बार डोरमैंट हो गया, तो बैंक से जुड़े कई और लेन-देन भी आप नहीं कर पाएंगे।
'इनऑपरेटिव' होने के दौरान जो सुविधाएं नहीं मिल रही थीं, वे अभी अब नहीं मिलेंगी। आपका एटीएम बंद कर दिया जाएगा और आप कोई लेनदेन नहीं कर पाएगें। कई बैंक आपको ये सुविधा देते हैं कि आप एक लेन-देन कर लें, तो खाता एक्टिव हो जाएगा। लेकिन कई बैंकों में अपने अकाउंट को एक्टिव फिर से करवाने के लिए फार्म आदि भरने पड़ते है।