नई दिल्ली। देश में पीली धातु की करीब दो-तिहाई खरीदारी ग्रामीण इलाकों में की जाती है और ऐसे में खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढोतरी किये जाने से चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में इसकी मांग 25 फीसदी तक बढ़ सकती है। उद्योग संगठन एसोचैम और वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट के मुताबिक देश में कुल सोने की मांग का दो तिहाई हिस्सा ग्रामीण इलाकों का है। किसानों के लिए अच्छा सीजन होने और एमएसपी की बढोतरी से सोने की मांग के दूसरी छमाही में बढ़ने की संभावना है। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में पीली धातु की मांग कमजोर रही है। एमएसपी बढ़ने से किसानों के हाथ में ज्यादा पैसा रहेगा जिससे पीली धातु की मांग 25 प्रतिशत तक बढ़ सकती है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सोना सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक तानेबाने में बुना हुआ है। यहां लोग खासकर ग्रामीण इलाकों में निवेश के रूप में तरजीह देते हैं। यहां सोना विलासिता का साधन नहीं है बल्कि यहां के गरीब भी सोने की खरीद करते हैं। एक अन्य सर्वेक्षण का हवाला देते हुये रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में गत पांच साल के दौरान हर दूसरे घर में पीली धातु की खरीद हुई है। कुल मिलाकर 87 फीसदी घरों में किसी न किसी मात्रा में सोना है। यहां प्रति वर्ष 800 से 900 टन सोने की खपत होती है।