नई दिल्ली। पेशेंट्स के लिए अधिक समावेशी स्वास्थ्य देखभाल नीतियों का अर्थ क्या हो सकता है, बीमा नियामक ने स्वास्थ्य बीमा के लिए वैकल्पिक कवर की सूची से डेंटल, स्टेम सेल, बांझपन और मनोवैज्ञानिक उपचार जैसी प्रक्रियाओं सहित लगभग 10 आइटम हटा दिए हैं। इंश्योरेंश रेगुलेटरी अथॉरिटी आॅफ इंडिया ने एक नोटिफिकेशन में हेल्थ इंश्योरेंस के बिजनेस में मानकीकरण पर दिशा निर्देशों का आंशिक संशोधन जारी कर दिया है। इनमें दंत चिकित्सा उपचार शामिल है जिसे अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन हार्मोन प्रतिस्थापन थेरेपी, स्टेम सेल इम्प्लांटेशन में इसका उपयोग किया जाता है।
यह व्यवस्था पहले थी
वैकल्पिक बीमा में अधिक चिकित्सा प्रक्रियाओं को शामिल करने का कदम एक विसंगति को सही करने के उद्देश्य से है। इससे पहले ये आइटम वैकल्पिक थे और इसलिए, अधिकांश बीमाकर्ताओं द्वारा कवर नहीं किया गया था। अब, बीमाकर्ता इन वस्तुओं को शामिल करने के लिए उत्पादों को डिजाइन कर सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक बीमा नियामक जल्द ही इन प्रक्रियाओं को अपनी योजनाओं में शामिल करने के लिए कंपनियों पर बाध्यकारी बनाने के लिए अलग से आदेश जारी कर सकता है।
दावों का अनुपात था 67 प्रतिशत
सेंट्रल ब्यूरो आॅफ हेल्थ इंटेलिजेंस द्वारा संकलित राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रोफाइल 2018 के अनुसार, साल 2016-17 में किसी भी स्वास्थ्य बीमा के तहत 43 करोड़ व्यक्तियों या 34% आबादी को कवर किया गया था। एनएचपी 2018 के आंकड़ों के अनुसार, निजी बीमा कंपनियों द्वारा दावों का अनुपात 67 प्रतिशत था।