नई दिल्ली। केरल में पिछले एक पखवाड़े के दौरान भारी बारिश और बाढ़ से फसलों को नुकसान पहुंचा है, जिससे इलायची और कालीमिर्च जैसे मसालों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हुई है। दिल्ली के खारी बावली बाजार में पिछले कुछ दिनों के दौरान केरल से आने वाले सभी मसालों के दाम 100 फीसदी तक बढ़ गए हैं। इससे खुदरा विक्रेताओं की खरीद लागत बढ़ गई है। हालांकि इनकी खपत कम नहीं हुई है क्योंकि छोटी इलायची, कालीमिर्च जैसे मसाले आवश्यक खाद्य पदार्थ नहीं माने जाते हैं।
पुरानी दिल्ली के खारी बावली में केरल में एक पखवाड़े तक बारिश एवं बाढ़ से मसालों के बाजार पर सीधा असर पड़ा है। छोटी हरी इलायची की कीमतें करीब 200 रुपए बढ़कर 1800 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई हैं, जबकि कालीमिर्च के दाम 100 रुपए बढ़कर 550 रुपए प्रति किलोग्राम हो गए हैं। दिल्ली के जाने-माने चांदनी चौक के पास स्थित खारी बावली देश के सबसे बड़े मसाला और किराना बाजारों में से एक है।
इस जगह पर हमेशा मसालों की सुगंध आती रहती है। खारी बावली से ही पूरे उत्तर, मध्य और पूर्वी भारत में मसाले पहुंचते हैं। यहां मसालों का एक बड़ा हिस्सा दक्षिणी राज्य केरल से आता है। केरल में बाढ़ से खाली बावली में आपूर्ति बंद नहीं हुई है क्योंकि ज्यादातर कारोबारियों के पास पिछले वर्षों का खरीदा हुआ माल है। हालांकि यह स्टॉक खत्म होने से किल्लत पैदा हो सकती है।
खारी बावली किराना ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय गुप्ता ने कहा आम तौर पर छोटी इलायची, कालीमिर्च, सौंठ, जावित्री और जायफल की आवक सितंबर से दिसंबर के बीच केरल से होती है, लेकिन केरल में खड़ी फसलों को नुकसान की खबरों से कीमतें बढ़ गई हैं। कीमतों में यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से रुझानों के कारण हुई है क्योंकि इस समय आपूर्ति की किल्लत नहीं है।
गुप्ता ने कहा खारी बावली में ज्यादा कारोबारी दिल्ली और उसके आसपास के गोदामों में भरे स्टॉक पर निर्भर हैं, इसलिए फिलहाल आपूर्ति की कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि लगभग पूरी छोटी इलायची की खरीद केरल से होती है। कालीमिर्च की खरीद भी बड़ी मात्रा में केरल से ही होती है, जबकि जावित्री और जायफल का आयात श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों से भी होता है। केरल और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में भारी बारिश से कालीमिर्च, इलायची, कॉफी और चाय समेत कई प्रमुख फसलों को नुकसान पहुंचा है।