नई दिल्ली। नेशनल कंपनी लॉ अपीलीट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) ने शुक्रवार को कहा कि टाटा स्टील लिमिटेड और वेदांता लिमिटेड भूषण स्टील लिमिटेड और इलेक्ट्रोस्टील स्टील्स लिमिटेड की बोली लगाने के योग्य है। जस्टिस एसजे मुखोपाध्याय की अध्यक्षता में एनसीएलएटी न्यायाधीशों के दो बेंच ने भूषण स्टील के संस्थापक नीरज सिंघल और फर्म के परिचालन लेनदार लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड की ओर से दायर अपील को खारिज कर दिया। बेंच ने अपने फैसले में कहा कि टाटा स्टील बोली लगाने योग्य है।
मामले पर फैसला देते हुए ट्रिब्यूनल ने कहा ‘आॅपरेशनल क्रेडिटर’ और वकील की ओर से दायर याचिक को ध्यान में रखते हुए हम मानते हैं कि ‘टाटा स्टील लिमिटेड’ की ओर से पेश किया गया श्संकल्प योजनाश् उचित और न्यायसंगत है इसलिए ‘आॅपरेशनल क्रेडिटर्स’ समेत सभी क्रेडिटर्स के मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा। एनसीएलएटी का आदेश नीरज सिंघल की गिरफ्तारी के एक दिन बाद आया है। सिंघल पर कथित तौर पर 80 से ज्यादा कंपनियों की मदद से 2000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि के गलत इस्तेमाल का आरोप है।
रोक के लिए कई याचिकाएं दायर
आईबीसी एक्ट की धारा 29 ए के तहत भूषण स्टील के लिए बोली लगाने के मामले में टाटा स्टील को योग्य कराए दिए जाने के खिलाफ सिंघल ने एनसीएलएटी में याचिका दायर की थी। वहीं लार्सन एंट टुब्रो ने सिक्योर्ट क्रेडिटर घोषित किए जाने को लेकर याचिका दायर की थी ताकि उसे बकाए रकम के भुगतान के मामले में प्राथमिकता मिल सके। ट्रिब्यूनल ने अपने फैसले में इलेक्ट्रोस्टील स्टील्स की बिक्री के खिलाफ वेदांता की अपील को भी खारिज कर दिया। बेंच ने कहा हम मानते हैं कि ‘वेदांत लिमिटेड’ ‘आईबीसी कोड’ की धारा 29ए के खंड (डी) के मामले के योग्य नहीं है।