25 Apr 2024, 04:08:21 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
Business

अमेरिका-चीन के ट्रेड वॉर के चलते भारत को मिल सकता है सस्ता तेल

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Aug 10 2018 10:34AM | Updated Date: Aug 10 2018 10:34AM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

नई दिल्ली। चीन और अमेरिका के बीच छिड़े ट्रेड वॉर के आने वाले दिनों में और तेज होने की आशंका है। दुनिया के आर्थिक पावरहाउस कहे जाने वाले दोनों देश बीते कई महीनों से जैसे को तैसा की नीति पर काम कर रहते हैं। एशिया में चीन अमेरिकी क्रूड और गैस का सबसे बड़ा खरीददार है लेकिन, ट्रेड वॉर छिड़ने के बाद से चीन के सबसे बड़े ट्रेडिंग हाउस ने अमेरिकी कच्चे तेल और गैस की खरीद बंद कर दी है। इसके अलावा चीन की ओर से अमेरिकी क्रूड और एलएनजी पर जवाबी टैरिफ लगाने की भी तैयारी है। 
 
चीन यदि इस तरह से अमेरिकी कच्चे तेल का बायकॉट करता है तो इसका मतलब है कि ईरान क्रूड मार्केट का अहम प्लेयर बना रहेगा। जिस पर अमेरिका ने कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं। हालांकि चीन और अमेरिका के बीच कारोबारी तनाव के चलते भारत पर ईरान के ऊपर लगे प्रतिबंधों का असर भी कम ही होगा। थॉमसन रॉयटर्स आॅइल रिसर्ट ऐंड फोरकास्ट्स की ओर से जुटाए गए डेटा के मुताबिक इस महीने भारत ने अमेरिका से 319000 बैरल प्रतिदिन क्रूड की बुकिंग कराई है। 
 
जुलाई महीने में भारत ने अमेरिका से 119000 बैरल क्रूड प्रतिदिन के हिसाब से आयात किया था। ऐसे में जुलाई के मुकाबले इस महीने भारत की अमेरिका से खरीद तीन गुना के करीब होगी। अगस्त में भारत की ओर से क्रूड का आयात इस साल के शुरूआती 7 महीनों के मुकाबले भी अधिक होगा। इससे पता चलता है कि अमेरिका से भारत का आयात कितनी तेजी से बढ़ा है। 
 
अमेरिका से सौदेबाजी कर सकेगा भारत 
क्रूड मार्केट के एनालिस्ट्स का कहना है कि ऐसी स्थिति में भारत के पास अमेरिका से कच्चे तेल की खरीद के लिए सौदेबाजी करने का अवसर होगा। चीन की ओर से खरीद रोके जाने के बाद साउथ कोरिया के बाद भारत अमेरिका का दूसरा सबसे बड़ा बायर होगा। इसके चलते कच्चे तेल की कीमतों में भी गिरावट देखने को मिल सकती हैए जो पॉलिसीमेकर्स के लिए चिंता का सबब रहा है। 
 
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »