26 Apr 2024, 01:48:59 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
Business

415 मंडियां और होंगी आॅनलाइन, 1.10 करोड़ किसानों ने कराया रजिस्ट्रेशन

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Aug 8 2018 10:19AM | Updated Date: Aug 8 2018 10:20AM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

नई दिल्ली। सरकार आगामी वित्त वर्ष (2019-20) तक 415 थोक मंडियों को इलेक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) प्लेटफॉर्म से जोड़ेगी। अब तक ई-मंडी प्लेटफार्म से 16 राज्यों के करीब 1 करोड़ 10 लाख किसानों ने अपने उत्पादन बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि 14 अप्रैल 2016 को ई-नाम की शुरूआत के बाद 31 जुलाई 2018 तक 16 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में कुल एक करोड़ 11 लाख 80 हजार 475 किसानों को ई-नाम प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत किया गया है, जिनमें सर्वाधिक 29 लाख नौ हजार 837 किसान उत्तर प्रदेश से हैं। 
 
एक अन्य पूरक प्रश्न के उत्तर में सिंह ने बताया कि 31 मार्च 2018 तक 585 मंडियों को ई-नाम प्लेटफॉर्म से जोड़ा जा चुका है और चालू वित्त वर्ष में 200 एवं अगले वित्त वर्ष में 215 मंडियों को इस प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाएगा। मंत्रालय की ओर से मूल प्रश्नों के उत्तर में कहा गया है कि ई-नाम से पंजीकृत किसानों की संख्या के मामले में 21 लाख 54 हजार 649 किसानों के साथ हरियाणा दूसरे नंबर पर और 15 लाख 80 हजार 900 किसानों के साथ मप्र तीसरे नंबर पर है। चंडीगढ़ में सबसे कम 3036 किसानों ने पंजीकरण कराया है। पश्चिम बंगाल में किसानों के पंजीकरण की रफ्तार धीमी है और यहां केवल 3224 किसानों ने ही अब तक पंजीकरण कराया है।
 
क्या है राष्ट्रीय कृषि बाजार?
राष्ट्रीय कृषि बाजार (एनएएम) एक राष्ट्रीय स्तर का इलेक्ट्रॉनिक पोर्टल आधारित बाजार है, जिसे भारत सरकार के कृषि मंत्रालय ने विकसित किया है। इसका उद्देश्य देश के विभिन्न राज्यों में स्थित कृषि उपज मंडी को इन्टरनेट के माध्यम से जोड़कर एकीकृत राष्ट्रीय कृषि उपज बाजार बनाना है। इसका सीधा लाभ किसानों, व्यापारियों और ग्राहकों को मिलेगा। बड़े पैमाने पर कृषि उत्पाद का व्यापार किसानों को उनकी उपज का बेहतर दाम देगा, वहीं व्यापारियों को भी कारोबार के अधिक मौके मिलेंगे।
 
ई-मंडी के फायदे
इस समय किसान अपनी उपज को स्थानीय कृषि मंडी में ले जाते हैं, जहां कारोबारी उनके कृषि उत्पाद खरीदते हैं। एनएएम से जुड़ने के बाद कोई भी कृषि उपज मण्डी राष्ट्रीय व्यापार नेटवर्क में भाग ले सकती है। किसान जब स्थानीय स्तर पर अपने उत्पाद बेचने के लिए मण्डी में लाएंगे तो उन्हें स्थानीय व्यापारियों के साथ-साथ इंटरनेट के माध्यम से देश के अन्य राज्यों में स्थित व्यापारियों को भी अपने माल बेचने का विकल्प मिलेगा।
 
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »