नई दिल्ली। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (विश्व स्वर्ण परिशद) की नवीनतम गोल्ड डिमांड ट्रेंड्स रिपोर्ट के मुताबिक 2018 की दूसरी तिमाही में वैश्विक स्वर्ण मांग सुस्त रहते हुए 964 टन रही जो 2017 में समान अवधि के मुकाबले 4 फीसदी कम है। स्वर्ण आधारित एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में सुस्त निवेश ने पिछले वर्ष के उच्च स्तर के मुकाबले कमजोर तुलना पेश की है जिससे मांग का स्तर 2009 के बाद पहली छमाही के न्यूनतम स्तर तक पहुंच गया है। हालांकि दुनिया के सबसे बड़े स्वर्ण बाजार चीन में उपभोक्ता मांग में 7 फीसदी बढ़ोतरी देखने को मिली। ईटीएफ निवेश जारी रहा, हालांकि 2016 और 2017 में उच्च स्तरों के मुकाबले यह गति काफी कम रही।
निवेश सालाना आधार पर 46 फीसदी कम रहा। यूरोपीय सूची बद्ध फंडों में निवेश ठीक-ठाक रहा जिसका कारण इटली में चुनावों और मौद्रिक नीति दृष्टिकोण के चलते उत्पन्न अनिश्चितता का माहौल था। इसके उलट,उत्तरी अमेरिका के सूची बद्ध फंडों में 30.6 टन की गिरावट देखने को मिली क्योंकि निवेशकों ने घरेलू आर्थिक मजबूती पर ध्यान केंद्रित किया।
दूसरी तिमाही में गिरावट के बावजूद पहली छमाही में आभूशणों की मांग में मामूली बदलाव देखने को मिला और यह 1,031 टन पर रहा। एलिएस्टर हेविट, प्रमुख, मार्केट इंटेलिजेंस, वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने कहा दूसरी तिमाही में भारत और पश्चिम एशिया में कमजोर मांग की भरपाई कुछ हद तक चीन और अमेरिका में हुई वृद्धि से हुई जहां पिछले वर्ष में 5 फीसदी के मुकाबले वृद्धि हुई। भारतीय मांग वार्षिक आधार पर 8 फीसदी कम हुई जिसका कारण उच्च स्थानीय कीमतों के साथ मौसमी और धार्मिक कारक रहे। 2018 की दूसरी तिमाही के दौरान प्रौद्योगिकी क्षेत्र में वार्षिक वृद्धि लगातार सातवें तिमाही जारी रही जब मांग 2 फीसदी बढ़कर 83 टन रही।