नई दिल्ली। जो लोग लाइफ इंश्योरेंस में अपनी मोटी कमाई यह सोचकर निवेश करते हैं कि उसके न रहने पर परिवार की जिंदगी बेपटरी न हो, उन्हें उस पॉलिसी के बारे में अपनी करीबियों को जरूर बता देना चाहिए वरना बुरे वक्त में उस निवेश का फायदा नहीं मिलेगा। हजारों-लाखों लोगों के साथ ऐसा हुआ है। संसद में हाल में पेश रिपोर्ट बताती है कि 23 बीमा कंपनियों के पास 15 हजार करोड़ रुपये ऐसे पड़े हैं, जिन पर कोई दावा नहीं कर रहा। इसमें एलआईसी के पास 10,509 करोड़ रुपये तो प्राइवेट जीवन बीमा कंपनियों के पास 4,675 करोड़ हैं।
अब सरकार ने इस अनक्लेम्ड रकम को उसके वारिसों तक पहुंचाने की पहल शुरू की है। केंद्र सरकार ने सभी बीमा कंपनियों से कहा है कि वे अपनी वेबसाइटों पर अलग से सेक्शन बनाकर अनक्लेमड राशि की जानकारी दें। साथ ही केंद्र ने बीमा कंपनियों से कहा है कि ऐसा इंतजाम करें कि यहां लोग अपनी या परिजनों की संभावित बीमा पॉलिसी उसके नंबर, आधार नंबर, पैन, मोबाइल नंबर और जन्म तिथि आदि देकर सर्च कर सकें। एक कमिटी बनाएं, जो ऐसी रकम को असली वारिसों तक पहुंचाने में मदद करे।