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रिजर्व बैंक आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में रख सकता है यथास्थिति

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 25 2018 10:53AM | Updated Date: Jul 25 2018 10:53AM
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मुंबई। रिजर्व बैंक अगस्त में होने वाली मौद्रिक नीति की समीक्षा में दरों को यथावत रख सकता है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के आर्थिक शोध विभाग ने एक रिपोर्ट में यह बात कही है। एसबीआई रिसर्च का यह निष्कर्ष ज्यादातर विश्लेषकों की उस राय के उलट है जिसमें उन्होंने कहा है कि मुद्रास्फीति में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए रिजर्व बैंक प्रमुख नीतिगत दर में एक और वृद्धि कर सकता है। घरेलू रेटिंग एजेंसी इक्रा ने दर में वृद्धि का अनुमान व्यक्त किया है।
 
एसबीआई अर्थशास्त्री ने एक नोट में कहा है हमारा मानना है कि अगस्त में दर को लेकर निर्णय काफी करीबी मामला होगा, फिर भी दर बढ़ाने के बजाय यथास्थिति बनाए रखना बेहतर विकल्प हो सकता है।  एसबीआई नोट में कहा गया है कि जून में मुद्रास्फीति के पांच प्रतिशत तक बढ़ जाने के बावजूद यह समान रूप से संतुलित है और कृषि जिंसों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में की गई वृद्धि से उपभोक्ता मूल्य आधारित मुद्रास्फीति में 0.73 प्रतिशत तक वृद्धि होगी। हालांकि इसमें कहा गया है कि ऐसा होना संभव नहीं लगता है। इसमें कहा गया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य से पड़ने वाला असर कच्चे तेल के दाम में आई गिरावट से जाता रहेगा। कच्चे तेल के दाम में गिरावट से अर्थव्यवस्था को राहत मिली है। 
 
बढ़ सकते हैं दलहनों के दाम
मूल मुद्रास्फीति, जिसमें खाद्य और ईंधन शामिल नहीं होता है, को लेकर चिंता जताई गई है। इसमें कहा गया है कि इसमें वृद्धि व्यापक आधार वाली नहीं है और मार्च तक यह घटकर 4.5 प्रतिशत रह सकती है। जून तिमाही में यह 6.5 प्रतिशत तक पहुंच गई। हालांकि इसमें कहा गया है कि खाद्यान्नों, विशेषकर दलहनों के दाम बढ़ सकते हैं क्योंकि मानसून की वर्षा सब जगह समान रूप से नहीं हो रही है।
 
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