नई दिल्ली। सौराष्ट्र एवं दक्षिण गुजरात में भारी बारिश से मूंगफली, कपास और दलहन जैसी प्रमुख खरीफ फसलों को नुकसान पहुंचा है। सौराष्ट्र क्षेत्र के मूंगफली और कपास उत्पादक प्रमुख जिलों में बाढ़ से फसल को 45 से 50 फीसदी तक नुकसान पहुंचने का अनुमान है। कृषि विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने का आग्रह करते हुए कहासरकार ने अभी यह आकलन नहीं किया है कि कृषि को असल में कितना नुकसान पहुंचा है, लेकिन फसल को 45 से 50 फीसदी नुकसान पहुंचने का अनुमान है। इससे पहले देरी से मानसून आने और पानी की किल्लत के कारण किसानों को खरीफ फसलों की बुआई कम और देरी से करने के लिए बाध्य होना पड़ा था।
हालांकि अब सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात क्षेत्रों में भारी बारिश से फसलों को नुकसान पहुंचा है। इन क्षेत्रों के किसानों के मुताबिक हाल में भारी बारिश से सौराष्ट्र के कई जिलों में खेतों में पानी जमा हो गया है। पूरे राज्य में अभी तक मानसून सामान्य से केवल 45 से 55 फीसदी अधिक रहा है, जबकि सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात क्षेत्र में यह सामान्य से बहुत अधिक है। हाल में गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने भी कहा था कि राज्य सरकार नुकसान के स्तर का पता लगाने के लिए एक आधिकारिक आकलन करेगी। कृषि विशेषज्ञ किसानों को मूंगफली और कपास के बदले कम अवधि की फसलें उगाने की सलाह दे रहे हैं।
उत्तरी गुजरात में अब तक सामान्य से 20 फीसदी कम बारिश
जूनागढ़ कृषि विश्वविद्यालय के एक शिक्षक ने कहा हम किसानों को सलाह दे रहे हैं कि मानसून की शेष अवधि में चना और तुअर जैसी फसलें उगाएं। जहां सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात में भारी बारिश से फसलों को नुकसान पहुंचा है वहीं उत्तरी गुजरात में बारिश की कमी है। इस क्षेत्र में अब तक सामान्य से 20 फीसदी कम बारिश हुई है, इसलिए यहां इस खरीफ सीजन में बुआई रफ्तार नहीं पकड़ पाई है। उत्तरी गुजरात को अरंडी, जीरा, ग्वार और बाजरा एवं ज्वार जैसे खाद्यान्नों के लिए जाना जाता है।