नई दिल्ली। सरकार ने गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य 20 रुपए बढ़ाकर 275 रुपए क्विंटल कर दिया। यह दाम गन्ने के अक्टूबर से शुरू होने वाले नए विपणन वर्ष के लिए घोषित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में यहां हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) वह दाम होता है जो कि शकर मिलों को गन्ना किसानों को देना होता है। हालांकि कुछ राज्य सरकारें इसके ऊपर राज्य परामर्श मूल्य भी तय करतीं हैं। अक्टूबर 2017 से सितंबर 2018 के मौजूदा शकर वर्ष में गन्ने का एफआरपी 255 रुपए क्विंटल है। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा गन्ना किसानों के हित में सरकार ने हाल ही में कई कदम उठाए हैं। गन्ने के एफआरपी में आज की गई वृद्धि किसान हितों के प्रति सरकार की चिंता को दशार्ती है।
खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने इस बारे में और जानकारी देते हुए कहा कि विपणन वर्ष 2018-19 में 10 प्रतिशत रिकवरी वाले गन्ने के लिए 275 रुपए क्विंटल का एफआरपी तय किया गया है। उन्होंने कहा गन्ने का एफआरपी उसकी उत्पादन लागत के मुकाबले 77.42 प्रतिशत अधिक है। गन्ने की उत्पादन लागत 155 रुपए क्विंटल रहने का अनुमान है।
पासवान ने कहा कि यदि गन्ने की रिकवरी दर 10 प्रतिशत से अधिक रहती है तो प्रत्येक 0.1 प्रतिशत की वृद्धि पर 2.75 रुपए प्रति क्विंटल का प्रीमियम किसानों को दिया जाएगा। उन्होंने कहा 9.5 प्रतिशत से कम रिकवरी रहने पर किसानों को 261.25 रुपए का दाम मिलेगा। पासवन ने कहा कि यह फैसला किसानों के हित में किया गया है।
खाद्य मंत्री ने कहा कि वर्ष 2018- 19 के दौरान गन्ना उत्पादन की संभावित मात्रा को देखते हुए गन्ना किसानों को कुल 83000 करोड़ रुपए की प्राप्ति होगी। उन्होंने कहा कि 2018-19 के लिए एफआरपी को गन्ने की 10 प्रतिशत रिकवरी के साथ जोड़ा गया है। देश में 255 श्कर मिलों की रिकवरी दर 10 प्रतिशत से अधिक है। गन्ने के प्रमुख उत्पादक राज्यों उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में गन्ने के लिए एफआरपी के ऊपर राज्य परामर्श मूल्य (एसएपी) तय किया जाता है।
पासवान ने कहा कि सरकार द्वारा किए गए अनेक उपायों के चलते गन्ना किसानों का बकाया एक मई को 23232 करोड़ रुपए से घटकर 17824 करोड़ रुपए रह गया। यह बकाया एसएपी मूल्य के अनुरूप है जबकि एफआरपी के मुताबिक गन्ने का बकाया एक मई को 14538 करोड़ रुपए से घटकर 9329 करोड़ रुपए रह गया। पासवान ने कहा आने वाले महीनों में गन्ने का बकाया और कम होगा।