नई दिल्ली। लीबिया के अपने दो अहम पोर्ट्स से एक्सपोर्ट रोके जाने के ऐलान से मंगलवार को ग्लोबल मार्केट में क्रूड आॅयल की कीमतें 75 डॉलर प्रति बैरल के पार चली गईं। नवंबर 2014 के बाद ऐसा पहली बार है जब क्रूड की कीमतों ने यह स्तर क्रॉस किया है। इससे भारत में पेट्रोल और डीजल महंगा होने की आशंकाएं बढ़ गई हैं। इंटरनेशनल मार्केट नायमैक्स पर यूएस लाइट क्रूड 1.15 फीसदी या 1.5 फीसदी बढ़कर 75.08 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। वहीं बेंचमार्क ब्रेंड क्रूड की कीमतें 70 सेंट चढ़कर 78 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गईं।
बीते महीने बिजली गुल होने कनाडा के एक आॅयल फील्ड से क्रूड का 360000 बैरल प्रति दिन का उत्पादन ठप हो गया था और इसके पूरे जुलाई महीने में बंद रहने का अनुमान है। इससे अमेरिका में क्रूड की इन्वेंट्री में कमी आई। रॉयटर्स के एक सर्वे में अमेरिका में क्रूड की इन्वेंट्री में लगातार चौथे सप्ताह में कमी आने का अनुमान है। वहीं लीबिया की नेशनल कॉपोर्रेशन ने सोमवार को अपने जुइतिना और हरिगा पोर्ट्स से क्रूड की लोडिंग रोकने का ऐलान किया था, जिससे 850000 बैरल प्रति दिन क्रूड का उत्पादन रुक गया है।
लंदन के एक ब्रोकरेज के एक्सपर्ट ने कहा लीबिया द्वारा अपने दो अहम पोर्ट्स से आॅयल का एक्सपोर्ट बंद होने से तेजड़ियों को मौका मिला है। एक्सपर्ट्स ने कहा यदि लीबिया का आॅयल की आमद जल्द मार्केट में शुरू नहीं होती है तो ऐसे हालात में ओपेक की अतिरिक्त क्षमता के लिए कड़ी चुनौती साबित होगा। यह इसलिए भी अहम है कि अगले दो महीनों में अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण वेनेजुएला और ईरान से भी क्रूड की सप्लाई घटने लगेगी।
मॉर्गन स्टैनली ने ब्रेंट क्रूड के लिए बढ़ाया अनुमान
मॉर्गन स्टैनली ने इस साल की दूसरी छमाही के लिए ब्रेंट का अपना फोरकास्ट 7.50 डॉलर बढ़ाकर 85 डॉलर प्रति बैरल कर दिया है, क्योंकि उसने ईरान, अंगोला और लीबिया से सप्लाई घटने का अनुमान भी जाहिर किया है। वहीं यूएई की अबूधाबी नेशनल आॅयल कंपनी ने कहा कि वह जरूरत पड़ने पर प्रति दिन सैकड़ों-हजारों बैरल प्रति दिन उत्पादन बढ़ा सकती है। इस साल सप्लाई में कमी के चलते आॅयल की कीमतों में लगातार मजबूती देखने को मिल रही है, हालांकि इसमें आगे भी नरमी की संभावना नहीं है।