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सरकार ने दी एनईआईए के लिए 1040 करोड़ के निधि की मंजूरी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 28 2018 11:48AM | Updated Date: Jun 28 2018 11:50AM
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नई दिल्ली। सरकार ने निर्यात कों की मदद के लिए दो महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं, जिसमें एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन लिमिटेड (ईसीजीसी) में दो हजार करोड़ रुपए के पूंजी निवेश और राष्ट्रीय निर्यात बीमा खाता ट्रस्ट (एनईआईए) के लिए 1,040 करोड़ रुपए के ग्रांट-इन-एड (निधि) की मंजूरी शामिल है।
 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बुधवार को यहां हुई बैठक में ये निर्णय लिए गए। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि ईसीजीसी को मजबूती देने के लिए 2,000 करोड़ रुपए के पूंजी निवेश को मंजूरी दी गई है। यह पूंजी निवेश तीन वित्त वर्षों के दौरान किया जाएगा। वित्त वर्ष 2017-18 में 50 करोड़ रुपए, वित्त वर्ष 2018-19 में 1,450 करोड़ रुपए और वित्त वर्ष 2019-20 में 500 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश किया जाएगा। 
 
उन्होंने कहा कि पूंजी निवेश से एमएसएमई निर्यात के लिए बीमा कवरेज में सुधार होगा और अफ्रीका, सीआईएस और लातिन अमेरिकी देश जैसे उभरते एवं चुनौतीपूर्ण बाजारों में भारत के निर्यात को मजबूती मिलेगी। इस निवेश से पूंजी अनुपात के मुकाबले ईसीजीसी की बट्टेखाते में डालने की क्षमता तथा जोखिम में उल्लेखनीय सुधार होगा। बट्टेखाते में डालने की दमदार क्षमता होने से ईसीजीसी नए एवं उभरते बाजारों में भारतीय निर्यातकों को मदद देने के लिए बेहतर स्थिति में होगी।
 
गोयल ने कहा कि अधिक पूंजी निवेश से ईसीजीसी को अपने उत्पाद पोर्टफोलियो में विविधता लाने और निर्यातकों को सस्ते बीमा मुहैया कराने में मदद मिलेगी, ताकि वे चुनौतीपूर्ण बाजारों में भी अपने पांव जमाने में समर्थ होंगे। ईसीजीसी के बीमा कवर से भारतीय निर्यातकों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति सुधारने में भी मदद मिलेगी। ईसीजीसी बीमा कवर से लाभान्वित होने वाले 85 फीसदी से अधिक ग्राहक एमएसएमई हैं। 
 
ईसीजीसी निर्यातकों को ऋण बीमा योजनाओं की करती है पेशकश
ईसीजीसी भारत से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए निर्यात ऋण बीमा सेवा मुहैया कराने वाली सरकार की प्रमुख निर्यात ऋण एजेंसी है। ईसीजीसी निर्यातकों को ऋण बीमा योजनाओं की पेशकश करती है, ताकि उन्हें राजनैतिक अथवा वाणिज्यिक जोखिम के कारण विदेशी खरीददारों द्वारा निर्यात बकाए का भुगतान न होने के कारण हुए घाटे से सुरक्षा प्रदान की जा सके।
 
गोयल ने कहा कि एनईआईए के लिए 1,040 करोड़ रुपए के ग्रांट-इन-एड (निधि) को मंजूरी दी है। इस निधि का इस्तेमाल 2017-18 से 2019-20 के दौरान 3 वर्षों के लिए किया जाएगा। वर्ष 2017-18 के लिए 440 करोड़ रुपए पहले ही आवंटित किया जा चुका है। वर्ष 2018-19 और 2019-20 में प्रत्येक वर्ष के लिए 300 करोड़ रुपए एनईआईए को दिए जाएंगे। इस निधि से एनईआईए उन निर्यात परियोजनाओं को मदद देने में समर्थ होगा जो रणनीतिक एवं राष्ट्रीय महत्व की हैं।
 
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