नई दिल्ली। जियो पॉलिटिकल टेंशन के कारण क्रूड में उबाल पहले से ही जारी था, लेकिन अब ईरान पर अमेरिका की हालिया सख्ती ने ब्रेंट क्रूड की कीमतों को भड़का दिया है। क्रूड की कीमतों का बढ़ना सीधे तौर पर भारत के लिए एक बुरी खबर है। ऐसा इसलिए क्योंकि बढ़ता क्रूड भारत में पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों में इजाफा कर देगा, जिसका असर महंगाई के तौर पर सामने आएगा। वर्तमान में डब्ल्यूटीआई क्रूड के दाम 70.83 डॉलर प्रति बैरल और ब्रेंट क्रूड के दाम 76.69 डॉलर प्रति बैरल हैं।
ईरान पर अमेरिका की सख्ती के मायने
केडिया कमोडिटी के प्रमुख अजय केडिया ने बताया कि ईरान पर अमेरिका की ओर से सख्ती के संकेत भारतीय बाजार के लिहाज से काफी नकारात्मक है। केडिया ने कहा कि ईरान पर प्रतिबंधों को 6 महीने के लिए टाल दिया गया था लेकिन अमेरिका उस पर प्रतिबंध लगाकर ही मानेगा। वहीं 4 जुलाई को अमेरिका का स्वतंत्रता दिवस है और इसके बाद ही अमेरिका की तरफ से किसी बड़े फैसले की घोषणा की जा सकती है, लेकिन जैसा कि ईरान पर अमेरिका की सख्ती का सवाल है, इससे सप्लाई को लेकर तो कोई खास चिंता की बात नहीं है लेकिन बाजार के
लिए बेहतर खबर नहीं है।
इतना ही नहीं अगर क्रूड में और उबाल आया तो भारत में पहले से उच्च स्तर पर पहुंच चुकी महंगाई और बेलगाम हो जाएगी। गौरतलब है कि जून महीने में महंगाई का आंकड़ा, पिछले चार महीने के उच्च स्तर को छू चुका है, जो आरबीआई के वित्त वर्ष 2018-19 के महंगाई लक्ष्य से अधिक है।
ईरान नहीं तो विकल्प कौन
ईरान भारत के लिए सबसे बड़ा तेल निर्यातक देश है, ऐसे में अगर उस पर प्रतिबंध लगता है तो उसे अमेरिका की ओर देखना होगा। अमेरिका वर्तमान समय में अपने देश में क्रूड के प्रोडक्शन में तेजी से इजाफा कर रहा है। भारत को अमेरिका से संबंध और मधुर बनाने होंगे ताकि ईरान के बाद अमेरिका से तेल की निर्बाध आपूर्ति होती रहे।