इंदौर। डीएसपी ग्रुप ने हाल ही में डीएसपी ब्लैकरॉक इनवेस्टमेंट मैनेजर प्रा. लि. की ब्लैकरॉक में से 40 प्रतिशत की हिस्सेदारी खरीद कर कंपनी के पूरे मालिकाना हक अपने नाम कर लिए हैं। मालिक हेमेंन्द्र कोठारी द्वारा संचालित डीएसपी ग्रुप वित्तीय सेवाएं प्रदान करने वाली भारत की सबसे पुरानी और सम्मानित कंपनी है, जिसने स्टॉक ब्रोकिंग से 1860वें में शुरूआत की थी। साझेदारी में ब्लैकरॉक में हिस्सेदारी खरीदने का मकसद यह है कि डीएसपी ग्रुप ऐसेट मैनेजमेंट व्यापार में अपनी उपस्थिति को कम नहीं करना चाहता। ब्लैकरॉक की सोच ग्लोबल सम्मिलित तकनीक और ओपरेटिंग मॉडल वाली है इस लिए उन्होंने कंपनी में मालिकाना हक की इच्छा जताई।
इस अवसर पर कंपनी की सेल्स एंड मार्केटिंग अदिति कोठारी देसाई ने कहा डीएसपी ब्लैकरॉक 2 मिलीयन निवेशकों के लिए 110000 करोड़ रुपए (16.5 बिलीयन डॉलर) के इक्विटी, फिक्स्ड आय और वैकल्पिक (20 अप्रैल 2018 तक) एसेस्ट्स का प्रबंधन करती है और इन से संबंधित सेवाएं प्रदान करती है। जहां तक इक्विटी बाजार की कीमत का सवाल है अगर हम मौजूदा कीमत की तुलना 2007-08 के शिखर से करें तो बाजार मूल्य 12एम फॉरवर्ड पीईए 12एम फॉरवर्ड प्राईज टू बुक, मार्केट कैप/जीडीपी या कॉरपोरेट मुनाफे से जीडीपी जैसे प्रमुख मापदंडों के अनुसार कीमत उतनी अनोखी नहीं है।
पीबी के आधार पर लार्ज कैप, स्मॉल एवं मिड कैप की तुलना में ज्यादा आकर्षक लगते हैं, इसलिए हम निवेशकों को स्मॉल एवं मिड कैप में निवेश के लिए एसआयपीज में निवेश करने की सलाह देते हैं। हम सभी फंडों में बांड्स पर कम समय के लिए निवेश करने के पक्षधर रहेंगे। ओपन एंडेड फंड्स और क्लोज एंडेड फंड्स में हम निश्चित आय निवेशों की सिफारिश ही करते रहेंगे। यह ना सिर्फ अधिक आय कमाने (फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान) में मदद करता है लेकिन कम अवधि के ओपन एंडेड फंड्स में मैच्योरिटि अवधि कम होने से लाभ होता है।