नई दिल्ली। इंडस्ट्री चैंबर सीआईआई ने इंडियन सीईओ को लेकर पर सर्वे किया है जिसके मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष में इकनॉमिक ग्रोथ 7 फीसदी से ज्यादा रह सकती है और इससे घरेलू बाजार में निवेश को खासा बढ़ावा मिल सकता है। सर्वेक्षण में शामिल ज्यादातर सीईओज ने कहा कि डिमांड में बढ़ोतरी होने से इंडस्ट्री में कपैसिटी यूटिलाइजेशन बढ़ेगा और ज्यादा से ज्यादा रोजगार के मौके बनेंगे। सीआईआई के प्रेसिडेंट राकेश भारती मित्तल ने कहा इकनॉमी फिलहाल स्वीट स्पॉट में है क्योंकि पिछले कुछ वर्षों के चल रहे बड़े रिफॉर्म्स का एडजस्टमेंट प्रोसेस कमोबेश स्टेबल हो गया है।
इंडस्ट्री कपैसिटी यूटिलाइजेशन में हुई बढ़ोतरी के साथ इन्वेस्टमेंट के फ्रेश फेज के लिए तैयार है। सीआईआई ने कहा कि अब तक 50000 करोड़ रुपए के इन्वेस्टमेंट का एनाउंसमेंट हुआ है। मित्तल ने कहा इंडस्ट्री अगले दो साल जीडीपी ग्रोथ 8 फीसदी से रहने की उम्मीद कर रही है। सरकारी खजाने से होने वाले खर्च के मोर्चे पर समझदारी दिखाने मैक्रो इकनॉमिक मैनेजमेंट और स्ट्रॉन्ग रिफॉर्म्स प्रोसेस से ग्रोथ की ठोस बुनियाद बनी है। हालांकि सीईओ को लगता है कि खासतौर पर एमएसएमई एंटरप्राइज सेक्टर के लिए लोन और पूंजी की उपलब्धता अब भी फिक्र वाली बात बनी हुई है।
इंडिया इंक के सीईओज के मुताबिक अगले दो तीन साल तक बैंक लोन की ग्रोथ सुस्त बनी रह सकती है। पब्लिक सेक्टर बैंकों का रीकैपिटलाइजेशन होना बहुत जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि रॉ मैटीरियल के दाम में हो रही बढ़ोतरी और फ्यूल कॉस्ट बड़ी चुनौती बने रह सकते हैं। ओपिनियन पोल पुणे में सीआईआई की हालिया मीटिंग में 80 से ज्यादा सीनियर कॉरपोरेट लीडर्स की मौजूदगी में हुआ। सर्वे में शामिल 82 फीसदी कॉरपारेट दिग्गजों का मानना है कि 2018-19 में जीडीपी ग्रोथ 7 फीसदी से ज्यादा रह सकती है।
लगभग 10 फीसदी कॉरपोरेट लीडर्स ने इकनॉमिक ग्रोथ 7.5 फीसदी से ज्यादा रहने का अनुमान दिया है। लगभग 82 फीसदी रेस्पॉन्डेंट्स को लगता है कि 74 फीसदी का मौजूदा कपैसिटी यूटिलाइजेशन आनेवाले समय में बढ़ सकता है जबकि 92 फीसदी को लगता है कि 2018-19 में कंजम्शन डिमांड में बढ़ोतरी हो सकती है। इन सबको देखते हुए लगता है कि आनेवाले समय में इन्वेस्टमेंट में तेज उछाल आ सकती है।
बढ़ेंगे नौकरी के अवसर
असल में 60 फीसदी सीईओ के हिसाब से प्राइवेट इन्वेस्टमेंट आनेवाले समय में बढ़ सकता है। जहां तक जॉब क्रिएशन की बात है तो 56 फीसदी कॉरपोरेट लीडर्स का मानना है कि 2018-19 में रोजगार के मौके बढ़ेंगे जबकि 18 फीसदी को लगता है कि इस मोर्चे पर हालात जस के तस बने रह सकते हैं। इंडस्ट्री लीडर्स का मानना है कि एग्रीकल्चर सेक्टर पर सरकार की तरफ से ज्यादा ध्यान दिए जाने की जरूरत है।
सीआईआई के मुताबिक एग्रिकल्चर सेक्टर को इन्वेस्टमेंट, मार्केट रिफॉर्म्स, लैंड लीज और कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग आॅप्शंस के अलावा प्रॉडक्टिविटी बढ़ाने की जरूरत है। एग्री वैल्यू चेन में इन्वेस्टमेंट से किसानों को भी फायदा होगा। इसके अलावा फूड प्रोसेसिंग, एग्री एक्सपोर्ट और फार्मर प्रोड्यूसर आॅर्गनाइजेशंस के डिवेलपमेंट की भी जरूरत है।