नई दिल्ली। रेलवे मंत्रालय के तहत कार्यरत मिनीरत्न कंपनी राइट्स में सरकार अपनी 12 फीसदी हिस्सेदारी का निवेश करने जा रही है और इसके लिए कंपनी का प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) 20 जून को खुलेगा। कंपनी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक राजीव मेहरोत्रा ने बताया कि एक रणनीतिक निवेश के तहत सरकार अपनी हिस्सेदारी आईपीओ के जरिये बेच रही है ताकि इस मिनीरत्न कंपनी को आगे बाजार से पूँजी जुटाने में आसानी हो सके। उन्होंने बताया कि इस आईपीओ के बाद इसमें सरकार की हिस्सेदारी 87.4 प्रतिशत रह जायेगी क्योंकि सरकार ने कर्मचारियों के लिए अलग से 0.6 प्रतिशत अर्थात 12 लाख शेयर आवंटित करने का प्रावधान किया है। उन्होंने बताया कि 20 जून को आईपीओ खुलेगा और 22 जून को बंद होगा। आईपीओ के लिए सरकार 12 जून को मूल्य दायरा तय करेगी और उसी दिन यह भी घोषित किया जायेगा कि कर्मचारियों को कितनी फीसदी की छूट मिलेगी। उन्होंने बताया कि कंपनी की चुकता पूँजी अभी 200 करोड़ रुपये है और इस आधार पर 10 रुपये अंकित मूल्य के 20 करोड़ शेयर हैं। कंपनी के पास अभी 1,454 करोड़ रुपए की नकदी है।
मेहरोत्रा ने बताया कि पिछले 44 वर्षाें में राइट्स दुनिया के 55 देशों में परियोजनायें संचालित कर चुकी है और अभी 10 देशों में कारोबार कर रही है। कंपनी के पास अभी 4,818 करोड़ रुपये के आॅर्डर हैं जिन्हें एक से तीन वर्ष के भीतर पूरा किया जाना है। अभी यह रेलवे, राजमार्ग, पुल और भवन निर्माण के साथ ही मेट्रो निर्माण के क्षेत्र में भी कार्यरत है। कंपनी ने प्रतिस्पर्धी बोली लगाकर भी कई मेट्रो परियोजनाओं को हासिल किया है। उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी के पास तकनीकी विशेषज्ञता है और इसके आधार पर वह दुनिया के कई प्रमुख देशों की कंपनियों को पीछे छोड़कर परियोजनायें हासिल कर रही है।
उन्होंने कहा कि राइ्टस शुरुआत से ही सरकार को हर वर्ष औसतन 30 फीसदी लाभांश दे रही है और कभी-कभी यह 40 फीसदी तक गया है। मेहरोत्रा ने बताया कि राइट्स बंदरगाहों, बिजली, खनन और स्टील कंपनियों को उनके यहाँ लोकोमोटिव का भी परिचालन कर रही है। अभी इस तरह के 45 लोकोमोटिव संचालन में हैं।