नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में पेट्रोलियम उत्पादों को लाने पर जीएसटी परिषद् की अगली बैठक में चर्चा की जाएगी और उसी में प्राकृतिक गैस को इसके दायरे लाने पर निर्णय लिया जाएगा। जीएसटी परिषद् के संयुक्त सचिव धीरज रस्तोगी ने शुक्रवार को यहां उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि सबसे पहले प्राकृतिक गैस को परीक्षण के तौर पर जीएसटी के दायरे लाया जाएगा। इसके बाद विमान ईंधन को जीएसटी के दायरे में लाने की तैयारी है। कुल मिलाकर पाँच पेट्रोलियम उत्पादों को इसके दायरे में लाने की योजना है, लेकिन इसके लिए कोई समय तय नहीं है।
उन्होंने जीएसटी के तहत आपूर्ति की परिभाषा में संशोधन किये जाने का संकेत देते हुये कहा कि इस तरह के कई मुद्दे जीएसटी परिषद् के समक्ष हैं। आपूर्ति की परिभाषा को लेकर कुछ भ्रम है जिसे दूर किया जाना है और इसको लेकर राजनीतिक स्तर पर अनुमति की जरूरत है।
उल्लेखनीय है कि हाल में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में आयी तेजी के बाद इसको जीएसटी के दायरे में लाने की माँग जोर-शोर से उठी है। अभी यह जीएसटी के दायरे में नहीं है और इस पर राज्य मूल्य वर्द्धित कर (वैट) लगाते हैं जबकि केंद्र सरकार उत्पाद कर लगाती है।