नई दिल्ली। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि पेट्रोल-डीजल की ऊँची कीमतों के कारण गरीबों और मध्यम वर्ग को होने वाले कष्ट के प्रति सरकार संवेदनशील है, लेकिन उन्होंने उत्पाद शुल्क में कटौती जैसा कोई आश्वासन देने से इनकार करते हुये कहा कि कई चीजें ‘हमारे हाथ में नहीं होतीं।’ प्रधान ने मंत्रालय की चार साल की उपलब्धियों के प्रचार के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन में दोनों उत्पादों की कीमतें एक बार फिर पूर्ण या आंशिक रूप से नियंत्रित करने की संभावनाओं से भी इनकार कर दिया।
इन परिस्थितियों को बताया कारण
उन्होंने कहा ‘पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने के कई कारण हैं। इनमें भू-राजनीतिक परिस्थितियाँ, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चा तेल के दाम, डॉलर तथा अन्य मुद्राओं की तुलना में रुपए की विनिमय दर में उतार-चढ़ाव आदि शामिल हैं। हमारी सरकार संवेदनशील है। पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों के कारण गरीब एवं मध्यम वर्ग के लोगों को कष्ट न हो इसके लिए सरकार उपाय करेगी।’ पेट्रोल-डीजल की रिकॉर्ड कीमतों ने जहाँ पहले ही आम लोगों का बजट बिगाड़ा हुआ है, वहीं केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार इस बात की जिम्मेदारी लेती है कि वह इनके दाम सामान्य लोगों की पहुँच के बाहर नहीं होने देगी। हालाँकि, सरकार कब, किस स्तर पर दखलअंदाजी करेगी इसके बारे में उन्होंने अभी बताने से इनकार कर दिया।
नहीं लगाया जा सकता पूर्वानुमान
सरकार की मजबूरी बताते हुये प्रधान ने कहा पेट्रोलियम पदार्थों के दाम में उतार-चढ़ाव के बारे में कोई भी पूर्वानुमान नहीं लगा सकता। कई चीजें हमारे हाथ में नहीं होतीं। भारतीय जनता पार्टी शासित राज्यों में पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सरकार कोई भी चीज राज्यों पर थोप नहीं सकती। राज्यों की भी जिम्मेदारी है कि वे प्रजा को कष्ट न होने दें।