मुंबई। देश के सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में तीन महीने में पहली बार मई में गिरावट देखी गई और इसका निक्केई सेवा कारोबार गतिविधि सूचकांक घटकर 50 से नीचे आ गया। निक्केई द्वारा मंगलवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, देश के सेवा क्षेत्र का सूचकांक अप्रैल के 51.4 से घटकर 49.6 पर आ गया। निक्केई माह दर माह आधार पर आंकड़े जारी करता है। सूचकांक का 50 से ऊपर रहना गतिविधियों में तेजी और इससे नीचे रहना गिरावट दर्शाता है। इसका 50 पर रहना स्थिरता का द्योतक है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मई में नये आॅर्डरों में रुकावट की स्थिति बनी रही। वहीं, इस क्षेत्र में नई नौकरियों की रफ्तार पिछले साल दिसंबर की तुलना में सबसे धीमी रही। इस दौरान लागत मुद्रास्फीति में भी तेजी देखी गई। हालाँकि, प्रतिस्पर्द्धा के मद्देनजर कंपनियों ने बढ़ती लागत का बोझ पूरी तरह ग्राहकों पर नहीं डाला। इससे पहले 01 जून को विनिर्माण क्षेत्र की रिपोर्ट जारी की गयी थी जिसका सूचकांक अप्रैल के 51.6 से घटकर 51.2 रह गया था। इस प्रकार सेवा और विनिर्माण क्षेत्र का सम्मिलित सूचकांक 51.9 से घटकर 50.4 रह गया।
नए आॅर्डरों में रुकावट
निक्केई ने बताया कि मई में सेवा क्षेत्र के लगभग सभी खंडों में नए आॅर्डरों में रुकावट की स्थिति देखी गई है। कमजोर माँग के बाद भी सेवा प्रदाताओं ने नयी भर्तियाँ जारी रखीं, हालाँकि इसकी रफ्तार इस साल के न्यूनतम स्तर पर रही। सबसे ज्यादा नौकरियाँ सूचना एवं संचार क्षेत्र की कंपनियों ने दीं। रिपोर्ट में कहा गया है कि सेवा क्षेत्र के सभी प्रमुख खंडों में आलोच्य महीने में लागत बढ़ी है। यह लगातार 21 वाँ महीना है जब इस क्षेत्र के लिए लागत बढ़ी है। इसके पीछे कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि और ईंधनों तथा सब्जियों के महँगा होने को कारण बताया गया है। कंपनियों के लागत में बढ़ोतरी का पूरा बोझ ग्राहकों पर नहीं डालने से उत्पाद मूल्य की मुद्रास्फीति 11 महीने के निचले स्तर पर रही।
निक्केई के सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाले कंपनी प्रबंधकों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अगले एक साल का कारोबारी विश्वास जनवरी 2015 के बाद के दृढ़तम स्तर पर है। निक्केई के लिए रिपोर्ट तैयार करने वाली एजेंसी आईएचएस मार्किट की अर्थशास्त्री आशना दोधिया ने आँकड़ों पर प्रतिक्रिया देते हुये कहा मई में सेवा क्षेत्र का प्रदर्शन निराशाजनक रहा क्योंकि तीन महीने में पहली बार आउटपुट घटा है। सेवा गतिविधियों की रफ्तार कम पड़ने से क्षेत्र में नई नौकरियों की वृद्धि दर अप्रैल के सात साल के उच्चतम स्तर से गिर गई। सेवा क्षेत्र के लिए अच्छी बात यह रही कि कारोबारी धारणा जनवरी 2015 के बाद सबसे ज्यादा मजबूत है।