देवास। कमिंस टर्बो टेक्नोलॉजीज (सीटीटी) ने अपने देवास संयंत्र से 50 लाखवें टबोर्चार्जर का निर्माण किया। 1984 में स्थापित हुई कंपनी ने मील का यह पत्थर हासिल करने पर पूरे दिन जश्न मनाया, जिसमें प्रमुख ग्राहक और असली पुर्जों के विनिर्माता (ओईएम) शामिल हुए। सीटीटी इंडिया एयर हैंडलिंग इंजीनियरिंग डिजाइन के क्षेत्र में विश्व की अग्रणी कंपनी है। सीटीटी इंडिया द्वारा बनाए जा रहे होलसेट टबोर्चार्जर ब्रांड को टबोर्चार्जर और एयरफ्लो मैनेजमेंट के क्षेत्र में उत्कृष्टता का दूसरा नाम कहा जाता है। ये चार्जर उत्सर्जन में कटौती और ईंधन की कम खपत जैसी वैश्विक चुनौतियों का सामना करते हैं तथा 2.8 से 92 लीटर तक के इंजन रखने की कुल लागत भी कम करते हैं।
सीटीटी इंडिया हाईवे, औद्योगिक एवं कृषि तथा कृषि ट्रैक्टर श्रेणियों में सभी प्रमुख ओईएम को टबोर्चार्जर मुहैया कराती है। देवास संयंत्र में अभी हर वर्ष 4.5 लाख टबोर्चार्जर बनाए जाते हैं और इसकी क्षमता को बढ़ाकर 6 लाख प्रतिवर्ष तक किया जा सकता है। कमिंस इंडिया के प्रबंध निदेशक संदीप सिन्हा ने इस उपलब्धि के बारे में कहा पिछले 22 वर्ष से देवास संयंत्र के सफल परिचालन का श्रेय कारखाने में प्रौद्योगिकी एवं कुशल कर्मचारियों के सही मिश्रण को दिया जा सकता है।
इस मौके पर कमिंस इंडिया के कंपोनेंट बिजनेस के प्रमुख अंजलि पांडेय और सीटीटी लीड ऋतेश डूंगरवाल ने कहा मील के इस पत्थर का जश्न मनाना हम सभी के लिए गर्व का विषय है। हमारी देवास और पीथमपुर में अगले 2-3 साल में और भी निवेश करने की हमारी योजना है।