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तेल की कीमतों को रोकने का सरकार ने बनाया 'फ्यूचर' प्लान

By Dabangdunia News Service | Publish Date: May 30 2018 11:10AM | Updated Date: May 30 2018 11:10AM
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नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से परेशान सरकार अब आम लोगों को राहत देने के लिए एक नई योजना पर काम कर रही है। दरअसल, पेट्रोल-डीजल की घटती-बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए सरकार अब इसका वायदा कारोबार की इजाजत दे चुकी है। 
पिछले तीन सप्ताह से पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों ने आम लोगों का जीना मुहाल कर रखा था। मंगलवार को लगातार 16वें दिन ईंधन की कीमतों में तेजी रही।
 
दिल्ली में पेट्रोल की कीमतें 78.43 रुपए प्रति लीटर जा पहुंची है वहीं, डीजल की कीमत 69.31 रुपये प्रति लीटर है। केंद्र सरकार तेल कीमतों के 'लॉन्ग टर्म' समाधान के लिए कई मौकों पर चर्चा कर चुकी है ताकि वैश्विक कीमतों का ज्यादा असर घरेलू बाजार पर नहीं पड़े। सोमवार को इस मसले पर कुछ बात आगे बढ़ी है और इसे कीमतों पर लगाम लगाने की दिशा में अहम माना जा रहा है। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भारतीय कमोडिटी एक्सचेंज को पेट्रोल और डीजल का वायदा कारोबार (फ्यूचर) लॉन्च करने की अनुमति दे दी है। संजीत प्रसाद ने कहा, 'हमें मंत्रालय से इस बारे में नो आॅब्जेक्शन मिल चुका है।' 
 
समाधान निकालने की कोशिश
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा- सरकार स्थायी समाधान निकालने की कोशिश में लगी हुई है। तेल की कीमतें वायदा बाजार के अंतर्गत आती हैं तो इससे कीमतों पर लगाम लगाई जा सकेगी। आईसीईएक्स के प्रबंध निदेशक और सीईओ संजीत प्रसाद ने कहा कि पेट्रोलियम मंत्रालय ने पेट्रोल और डीजल में वायदा बाजार शुरू करने के लिए मंजूरी दे दी है। हमें उम्मीद है कि इसमें सेबी अंतिम मंजूरी जल्द दे देगा। 
 
यह है वायदा? 
फ्यूचर या वायदा एक फाइनेंशियल कॉन्ट्रैक्ट होता है। इसमें खरीदार असेट खरीद सकता है या सेलर पूर्व निर्धारित फ्यूचर डेट और दाम पर इसे बेच सकता है। 
 
उपभोक्ता को कैसे होगा फायदा? 
पेट्रोल और डीजल का फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट लॉन्च होने पर उपभोक्ता इसे फिक्सड प्राइस पर खरीद सकता है और फ्यूचर डेट में इसकी डिलीवरी ले सकता है। मतलब यह कि अगर उपभोक्ता एक तय कीमत पर पेट्रोल और डीजल खरीदता है और उसकी डिलीवरी एक महीने बाद चाहता है तो उसे उसी कीमत पर डिलीवरी मिलेगी भले डिलीवरी वाले दिन पेट्रोल या डीजल की कीमतें उसकी खरीद रेट से ज्यादा क्यों न हो। इस तरह पेट्रोल-डीजल की फ्यूचर ट्रेडिंग के कारण वैश्विक कीमतों में उतार-चढ़ाव का असर यहां नहीं पड़ेगा। बता दें कि जून 2017 से भारत की आॅयल कंपनियां पेट्रोल और डीजल की कीमतें रोज बदलती रहती हैं। 
 
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