नई दिल्ली। महंगे पेट्रोल और डीजल की मार झेल रही देश की जनता को इस हफ्ते कुछ राहत मिल सकती है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में जोरदार गिरावट आई है और साथ में घरेलू स्तर पर डॉलर के मुकाबले रुपए में भी जोरदार उछाल दर्ज किया गया है। इस वजह से कच्चा तेल खरीदने के लिए तेल कंपनियों की लागत में भारी कमी आई है और इस कमी से तेल कंपनियों को हरे फायदे को वह ग्राहकों के साथ बांट सकती हैं।
इतने घटे क्रूड के भाव
पिछले हफ्ते अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड का भाव 42 महीने के ऊपरी स्तर 72.90 डॉलर और ब्रेंट क्रूड का भाव 80.49 डॉलर प्रति बैरल तक चला गया था, लेकिन 2-3 दिन से अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड आॅयल की कीमतों में भारी गिरावट आई है। अब क्रूड का भाव 42 महीने के ऊपरी स्तर से करीब 10 प्रतिशत घट चुका है। सोमवार को क्रूड ने 65.80 डॉलर प्रति बैरल का निचला स्तर छुआ है। ब्रेंट क्रूड का भाव भी पिछले हफ्ते के ऊपरी स्तर से करीब 7.5 प्रतिशत घट चुका है। सोमवार ब्रेंट क्रूड की कीमतों ने 74.49 डॉलर का निचला स्तर छुआ है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट से भारतीय बास्केट में कच्चे तेल के दाम घटे है।
दो-तीन रुपए होंगे कम
पेट्रोल-डीजल की मार्केट के जानकारों के मुताबिक हाल के दिनों में कच्चे तेल की कीमतों में जिस तरह से गिरावट आई है और रुपए में जो रिकवरी देखने को मिल रही है, उसे देखते हुए लग रहा है कि इस हफ्ते पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 3-5 प्रतिशत तक यानि 2-3 रुपए प्रति लीटर की कटौती हो सकती है।
इसका फायदा भी मिलेगा
तेल कंपनियों को दूसरा बड़ा लाभ भारतीय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपए में आई तेजी से मिल रहा है। फिलहाल डॉलर के मुकाबले रुपए में सोमवार को करीब 37 पैसे का उछाल देखा जा रहा है। डॉलर का भाव घटकर 67.41 रुपए तक आ गया है। डॉलर सस्ता होने की वजह से भी तेल कंपनियों को कच्चा तेल आयात करने के लिए कम रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं और उनकी लागत में कमी आई है।