नई दिल्ली। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने नरेंद्र मोदी सरकार के कामकाज को आज 'चमत्कारिक' बताया और कहा कि पिछले चार साल में आर्थिक वृद्धि, मुद्रास्फीति और राजकोषीय घाटा समेत वृहत आर्थिक मानदंडों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) शासन के आखिरी के वर्षों में नीतियों के मामले में जड़ता को देखते हुए सरकार ने सभी मोर्चों पर अच्छा काम किया है।
मोदी ने चार साल पहले 26 मई को देश के 15वें प्रधानमंत्री का पदभार संभाला था। कुमार ने कहा, 'वर्ष 2014 में अर्थव्यवस्था नीचे जा रही थी, बैंकों का एनपीए पहले ही बढ़ गया था। नीतियों के मामले में पूर्ण रूप से जड़ता की स्थिति थी। चीजें थम गईं थी। इस प्रकार की विरासत के साथ वृहत आर्थिक मोर्चे पर हम जहां खड़े हैं, वह चमत्कारिक है।
उन्होंने आगे कहा कि मुद्रास्फीति नीचे है, विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा है, राजकोषीय घाटा नियंत्रण में है और वृद्धि तेज हुई है। कुमार ने कहा कि इस सरकार ने आर्थिक वृद्धि को व्यापक रूप से समावेशी भी बनाया है। हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ क्षेत्र हैं जहां अब भी चिंता बरकरार है। कुमार के अनुसार, 'उदाहरण के लिए बैंकों का एनपीए अभी ऊंचा है, चालू खाते के घाटे में अभी सुधार नहीं हुआ है, लेकिन यह 2014 के मुकाबले बेहतर है।' नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा, 'तेल कीमतों ने एक समय राहत दी लेकिन अब इसके दाम बढ़े हैं। इसका मतलब है कि हमें वृहत अर्थशास्त्र को फिर से देखना होगा ताकि यह सुनिश्चित हो कि हम वृद्धि दर को आगे भी बनाए रख सकें। हमें लगता है कि हम ऐसे करने में सक्षम होंगे।'