नई दिल्ली। आयकर विभाग पंजीकरण रद्द की जा चुकी कई कंपनियों के खिलाफ राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण में करोड़ों रुपये के बकाया कर की वसूली के लिए याचिकाएं दायर कर सकता है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (उइऊळ) ने आयकर विभाग को निर्देश दिया है कि देशभर में एनसीएलटी की विविध शाखाओं में इस माह के अंत तक यह याचिकाएं दायर करने के लिए वह अधिकारियों की एक विशेष टीम बनाएं। साथ ही कारपोरेट मामलों के मंत्रालय को भी उसने यह जानकारी भेजी है।
गौरतलब है कि सीबीडीटी आयकर विभाग के लिए नीतियां बनाने वाला शीर्ष निकाय है। सीबीडीटी की चिंता है कि हाल में सरकार के फर्जी कारोबारी गतिविधियों को रोकने और कालाधन के खिलाफ चलाए गए अभियान के तहत कई शेल कंपनियों का पंजीकरण रद्द कर दिया गया जिससे इन पर उसका कई करोड़ रुपये का कर बकाया रह गया।
सीबीडीटी ने अपने सभी क्षेत्रीय प्रमुखों को पत्र लिखकर निर्देश दिया था कि कर विभाग को शेल कंपनियों में फंसे इस बकाया कर को वसूलने के लिए सारे प्रयास करने चाहिए और इसके लिए याचिकाएं दायर करनी चाहिए। उसने विभाग के सामने ये याचिकाएं दायर करने की अंतिम तिथि 31 मई रखी है।