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तेल के दाम बढ़ने से सरकार का आयात खर्च 50 अरब डॉलर तक बढ़ने की आशंका

By Dabangdunia News Service | Publish Date: May 20 2018 10:33AM | Updated Date: May 20 2018 10:34AM
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नई दिल्ली। सरकार ने तेल के बढ़ते दाम से लोगों को राहत देने के लिए पेट्रोलियम पदार्थों पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी में कटौती को लेकर कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई है। उसने कहा है कि कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में तेजी चिंता का कारण है क्योंकि इससे देश का आयात बिल 50 अरब डॉलर तक बढ़ सकता है।
 
इसका असर चालू खाते के घाटे (कैड) पर पड़ेगा। हालांकि आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि तेल के दाम में तेजी का आर्थिक वृद्धि पर प्रभाव नहीं पड़ेगा। कच्चे तेल का दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार में 80 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया हैए जो नवंबर 2014 के बाद सर्वाधिक उच्च स्तर है। उन्होंने कहा कि सरकार स्थिति पर नजर रखे हुए है और समुचित कदम उठाए जाएंगे।
 
उन्होंने इस बारे में विस्तार से कुछ नहीं बताया। यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती करेगीए उन्होंने कहा कि उन्हें इसके बारे में कुछ भी नहीं कहना है। गर्ग ने कहा कि तेल के दाम में वृद्धि से तेल आयात खर्च में चालू वित्त वर्ष में 25 अरब डॉलर से 50 अरब डॉलर के दायरे में वृद्धि हो सकती है। देश ने पिछले वित्त वर्ष में तेल आयात बिल पर 72 अरब डॉलर की राशि खर्च की थी।  
 
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