नई दिल्ली। देश में इस साल अनाज का रिकॉर्ड उत्पादन होने का अनुमान है। इसकी बड़ी वजह यह है कि पिछले साल मानसून सामान्य था। इसके चलते गेहूं, चावल, मोटा अनाज जैसे ज्वार, बाजरा, रागी और दालों की बंपर पैदावार होने की संभावना है। खाद्यान्न उत्पादन के बारे में सरकार ने अपना नया अनुमान जारी किया है। इसके अनुसार, देश में चालू फसल वर्ष (जुलाई 2017-जून 2018) में 27.95 करोड़ टन अनाज का उत्पादन होगा है। यह पहले जारी (फरवरी) सरकारी अनुमान से 0.72 फीसदी ज्यादा है।
कृषि मंत्रालय की ओर से बुधवार को जारी किए गए तीसरे अग्रिम अनुमानों के मुताबिक देश में चालू फसल वर्ष के दौरान चावल, गेहूं, मोटे अनाज और दालें चारों खाद्यान्नों का रिकार्ड उत्पादन हुआ है। सरकारी बयान में कहा गया है कि वर्ष 2016-17 के दौरान के 27.51 करोड़ टन के अनाज के पिछले रिकॉर्ड उत्पादन की तुलना में इस बार उत्पादन 44 लाख टन बढ़ कर कुल 27.95 करोड़ टन तक पहुंचने का अनुमान है। इस साल फरवरी में जारी दूसरे अग्रिम अनुमानों में करीब 27.75 करोड़ टन अनाज उत्पादन का अनुमान लगाया गया था। उत्पादन में भारी वृद्धि के चलते दालों और चीनी जैसे कुछ उत्पादों की कीमतों में भारी गिरावट आई है, जिससे किसानों की कमाई पर असर पड़ा है।
सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार वित्तवर्ष 2016-17 के दौरान चावल के 10 करोड़ 95 लाख टन के उत्पादन के मुकाबले इस बार यह उत्पादन 11 करोड़ 15 लाख टन होने का अनुमान है। वर्ष 2017-18 के दौरान गेहूं का उत्पादन पिछले वर्ष के 9.85 करोड़ टन के मुकाबले 9.86 करोड़ टन होने का अनुमान है।
मोटे अनाजों का उत्पादन भी वर्ष 2016-17 के 4 करोड़ 38 लाख टन के मुकाबले इस बार रिकॉर्ड 4.87 करोड़ टन होने का अनुमान है। बयान में कहा गया है कि 2017-18 के दौरान दलहनों का उत्पादन रिकॉर्ड दो करोड़ 45 लाख टन होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष के दो करोड़ 31 लाख टन के उत्पादन की तुलना में 13.7 लाख टन अधिक है। गैर-खाद्यान्न श्रेणी में तिलहन उत्पादन पिछले वर्ष के तीन करोड़ 12 लाख टन से घटकर 2017-18 में तीन करोड़ 6 लाख टन रह जाने का अनुमान है।
देश में दलहन की रिकॉर्ड उपज से घटा आयात
सरकार द्वारा किसानों को प्रोत्साहन दिए जाने और मौसम के साथ देने की वजह से दाल, गेहूं और खाद्य तेलों का आयात कम हुआ है। कृषि मंत्रालय ने यह जानकारी दी है। वित्त वर्ष 2017-18 में दलहनों के रिकॉर्ड उत्पादन के कारण इनका आयात करीब दस लाख टन घटकर 56.5 लाख टन रह गया। आयात में कमी की वजह से से देश को 9775 करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा बचाने में मदद मिली है। सरकार के तीसरे अग्रिम कृषि उपज अनुमान के मुताबिक साल 2017-18 में चना, उड़द और तुअर की उपज 2.451 करोड़ टन रहने की उम्मीद है।
साल 2016-17 में उपज 2.313 करोड़ टन रही थी। केंद्र सरकार दालों के भाव में उछाल को नियंत्रित करने के लिए देश में ही इसकी पैदावार बढ़ाने के प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में कई दलहनों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि की गयी है। कृषि मंत्रालय ने एक बयान में कहा वर्ष 2016-17 में 66 लाख टन के मुकाबले साल 2017-18 में दलहन आयात 10 लाख टन घटकर 56.5 लाख टन रह गया है।