नई दिल्ली। सरकार ने दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा (डीएमआईसी) परियोजना के अंतर्गत हरियाणा के नंगल चौधरी में ‘माल लदान गांव’ के रूप में समेकित मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स केन्द्र के लिए आधारभूत संरचना विकसित करने को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बुधवार को हुई बैठक में औद्योगिक नीति और संवर्द्धन विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
इसके तहत नंगल चौधरी में विशेष उद्देश्य इकाई (एसपीवी) द्वारा 886.78 एकड़ भूमि में माल लदान गांव (फ्रेट विलेज) समेकित मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स केन्द्र (आईएमएलएच) का विकास दो चरणों में किया जाएगा। वर्ष 2020-21 तक पूर्ण होने वाले पहले चरण के विकास के लिए 1029.49 करोड़ रुपए की वित्तीय मंजूरी दी गई है। परियोजना के दूसरे चरण के लिए भी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई है।
पहले चरण के खर्च में दूसरे चरण के विकास के लिए इस्तेमाल की जाने वाला भूमि का अधिग्रहण मूल्य भी शामिल है। राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास और कार्यान्वयन ट्रस्ट (एनआईसीडीआईटी) द्वारा 763.49 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा, जिसमें इक्विटी के रूप में 266 करोड़ रुपए और एसपीवी में ऋण के रूप में 497.49 करोड़ रुपए शामिल हैं।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार इस परियोजना के कई लाभ होंगे और इसका अर्थव्यवस्था पर असर होगा। परियोजना के आर्थिक फायदों में रोजगार सृजन, ईंधन की लागत में कमी, निर्यात को बढ़ावा, वाहनों (ट्रकों) की परिचालन लागत में कमी, दुर्घटना से जुड़े खर्च में कमी, राज्य सरकारों द्वारा करों के संग्रह में बढ़ोतरी और प्रदूषण में कमी आदि शामिल हैं।
मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स केन्द्र के रूप में माल लदान गांव के प्रस्तावित विकास से चार हजार प्रत्यक्ष और छह हजार अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे। रोजगार सृजन मूलभूत लॉजिस्टिक्स सुविधाओं तक ही सीमित नहीं होगा, बल्कि समूची लॉजिस्टिक्स आपूर्ति श्रृंखला के लिए अवसर प्रदान करेगा।
परियोजना के दूसरे चरण का पुनर्मूल्यांकन जरूरत पड़ने पर वर्ष 2028 अथवा उससे पहले किया जाएगा। प्रस्तावित माल लदान गांव के क्रियान्वयन के लिए 'डीएमआईसी मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक केन्द्र प्रोजेक्ट लिमिटेड' के नाम से एचएसआईडीसी के माध्यम से एनआईसीडीआईटी और हरियाणा सरकार मिलकर 50:50 संयुक्त उद्यम के रूप में एक एसपीवी का गठन करेंगे। माल लदान गांव को डबला में पश्चिमी समर्पित माल गलियारे (डीएफसी) से जोड़ा जाएगा, जिसकी दूरी करीब 10 किलोमीटर है। यह लॉजिस्टिक केन्द्र डीएफसी से जुड़ा हुआ है।