नई दिल्ली। खुदरा कारोबारियों के प्रमुख संगठन कन्फडरेशन आॅफ आॅल इंडिया ट्रेडज (कैट) वॉल्मार्ट फ्लिपकार्ट सौदे को चुनौती देने का निर्णय लिया है। संगठन ने बुधवार को यहां जारी बयान में कहा कि इस सौदे से कानून को तोड़ा मरोड़ा गया है और इसको मंजूरी मिलते ही प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति (एफडीआई) का उल्लंघन होगा और एक असंतुलित प्रतिस्पर्धा का वातावरण बनेगा। उसने कहा कि इसके माध्यम से वॉल्मार्ट रिटेल ट्रेड पर कब्जा करने के अपने छुपे एजेंडा को पूरा करना चाहता है।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा की यह एक सच्चाई है की वॉल्मार्ट कोई ई कामर्स कंपनी नहीं है और इस क्षेत्र में उसकी कोई विशेषता नहीं है फिर भी उसने ने अपने असीमित संसाधनों के बल पर फ्लिपकार्ट से यह सौदा किया है जिसके जरिए वह रिटेल बाजार में विदेशी उत्पादों जा विशाल जाल बिछाएगा।
सरकार को इस सौदे के सभी पहलुओं का अध्ययन करना चाहिए क्योंकि इसका सीधा असर भारतीय अर्थव्यवस्था और खुदरा कारोबार पर होगा। उन्होंने कहा कि उनके वकील सौदे की बारीकियों का अध्ययन कर रहे हैं और जल्द ही इसको कानूनी चुनौती देने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।