नई दिल्ली। देश में वर्ष 2017-18 के दौरान पहली बार 100 अरब यूनिट से अधिक अक्षय ऊर्जा का उत्पादन किया गया जो एक वर्ष में सर्वाधिक है। नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के सूत्रों ने बुधवार को बताया कि मंत्रालय का लक्ष्य वर्ष 2022 तक एक लाख 75 हजार मेगावाट अक्षय ऊर्जा उत्पादन क्षमता विकसित करने का है। मंत्रालय ने लगभग 70,000 मेगावाट उत्पादन क्षमता हासिल कर ली है और इस वर्ष 31 मार्च तक 38,000 मेगावाट की अतिरिक्त क्षमता स्थापित की गई है। इस प्रकार बीते साल के अंत तक 1,08,000 मेगावाट क्षमता की या तो संस्थापना की गई या कार्यान्वयन की प्रक्रिया के अधीन थी। वर्ष 2017-18 में 11,788 मेगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता जोड़ी गई है जो कि किसी एक वर्ष में जोड़ी गई सर्वाधिक क्षमता है। विगत वर्ष में सौर तथा पवन विद्युत की 32,500 मेगावाट क्षमता की बोली जारी की गई। यह वर्ष 2013-14 में कमीशन की गई क्षमता की लगभग 10 गुनी है।
पारदर्शी बोलियों के माध्यम से विगत वर्ष में पनबिजली के लिए 2.43 रु. और सौर बिजली के लिए 2.44 रु. की न्यूनतम शुल्क दर निर्धारित की गई। पिछले वर्ष 56,000 सौर विद्युत पम्पों की संस्थापना की गई जो अब तक किसी एक वर्ष में सबसे अधिक है।