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शेयर बाजार में नहीं गल रही बेईमान कंपनियों की दाल: एसोचैम

By Dabangdunia News Service | Publish Date: May 7 2018 2:56PM | Updated Date: May 7 2018 2:56PM
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नई दिल्ली। कंपनियों की बेईमानी, कॉर्पोरेट गर्वेनेंस में उनकी चूक को जरा सा भी छूट नहीं देते हुए घरेलू शेयर बाजार के सतर्क निवेशक पूर्ण पारदर्शिता और नियमों की पूरी अनुपालना की उम्मीद करने लगे हैं। उद्योग संगठन एसोचैम ने कहा कि घरेलू शेयर बाजार में अब कंपनियों की कोई भी बेईमानी नजरअंदाज नहीं की जाती है। निवेशक में ऐसी कंपनियों के प्रति जीरो टॉलरेंस है। निवेशक अब उम्मीद करने लगे हैं कि कंपनियां कॉरपोरेट गर्वेनेंस की अनुपालना करें और पारदर्शिता का रवैया न अपनाने पर उन्हें सजा भी दे रहे हैं। संगठन ने निवेशकों की जागरुकता को देखते हुए कंपनियों के प्रवर्तकों को सलाह दी है कि वे शेयरधारकों के मूल्यों और सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्ध रहें। संगठन का कहना है कि अब वे दिन गये जब कोई कंपनी या उसके प्रवर्तक नियम कायदे का उल्लंघन करने पर भी बच जाते थे। निवेशकों के जागरुक होने और सख्त नियमों के कारण अब कोई भी कंपनी जाने या अनजाने कुछ भी गलत करने का जोखिम नहीं उठा सकती है।

इसका उदाहरण पिछले दिनों कई बार सामने आया है जबकि संदहों में घिरी कंपनियों के शेयरों की कीमत में तेज गिरावट आई और उनका बाजार पूंजीकरण काफी घट गया। एसोचैम का कहना है कि शेयर बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की मजबूत स्थिति और घरेलू म्युचुअल फंड की अधिक संख्या के कारण भी ऐसी स्थिति पैदा हो गई है जहां किसी भी गलती का खामियाजा अधिक भुगतना पड़ता है। संगठन के महासचिव डी एस रावत के मुताबिक शेयर बाजार में सूचीबद्ध कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके यहां कॉर्पोरेट गर्वनेंस अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है या नहीं।

वास्तव में निवेशक प्रवर्तकों, निदेशक मंडल और मुख्य कार्यकारी अधिकारी की गुणवत्ता के लिए प्रीमियम भी देने को तैयार हैं। चूंकि कंपनियों के शेयर का अधिकांश हिस्सा प्रवर्तकों के पास होता है, इसी कारण यह उनके हित में है कि उनकी कंपनियां पारदर्शिता को अपनायें। उन्हें समूह के अंर के लेनदेन में पारदर्शी तरीका अपनाना होगा । अब विश्लेषकों की निगाहें भी पैनी हैं। इसके अलावा सेबी ने भी यह सुनिश्चित किया है कि कंपनियां उन सभी तथ्यों का खुलासा करें, जिसका प्रभाव शेयरों की कीमत पर पड़ सकता है।  शीर्ष प्रबंधन में परिवर्तन, किसी भी संदेहास्पद कार्रवाई का आरोप ऐसे भी तथ्य हैं जिनके बारे में शेयर बाजार को जानकारी देनी पड़ती है ताकि निवेशक कंपनी में हो रहे बदलाव के बारे में जान सकें।

 
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