नई दिल्ली। भारत आम, केला, चीकू, अनार और आंवला के उत्पादन में विश्व में पहले स्थान पर बना हुआ है और पिछले दस साल के दौरान यहां बागवानी फसलों का उत्पादन भी 44.5 प्रतिशत बढ़ा है। वर्तमान में करीब ढाई करोड़ हेक्टेयर में बागवानी फसलों की खेती की जाती है और इसका उत्पादन लगभग 30 करोड़ 54 लाख टन है जो खाद्यान्न से अधिक है। वर्ष 2007-08 के दौरान करीब 2.02 करोड़ हेक्टेयर भूमि में बागवानी फसलों को लगाया गया था और उत्पादन करीब 21 करोड़ दस लाख टन रहा था। इस अवधि के दौरान बागवानी फसलों की उत्पादकता 17.7 प्रतिशत बढ़ी। बागवानी फसलों में फलों के अलावा सब्जियां, फूल, सुगंधित एवं औषधि उत्पाद, मसाले आदि शामिल हैं।
कृषि मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार वर्ष 2007-08 से 2016-17 के दौरान फलों की खेती के क्षेत्र में 9.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि उत्पादन करीब 44.6 प्रतिशत बढ़ा। भारत विश्व में फलों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। यह आम, केला, चीकू, अनार और आंवला के उत्पादन में पहले स्थान पर है। वर्ष 2017-18 के दौरान एक करोड़ हेक्टेयर से कुछ अधिक क्षेत्र में सब्जियों की खेती किए जाने और करीब 18 करोड़ टन से अधिक इसकी पैदावार का अनुमान है। भारत विश्व में चीन के बाद सबसे बड़ा सब्जियों का उत्पादक है। यह मटर और भिंडी का विश्व में सबसे बड़ा उत्पादक देश है जबकि बैंगन, बंदगोभी, फूलगोभी और प्याज के उत्पादन में दूसरे स्थान पर है।
आलू और टमाटर के उत्पादन में यह विश्व में तीसरे स्थान पर है। देश में वर्ष 2007-08 के दौरान प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 158 ग्राम फल उपलब्ध था, जो 2016-17 में बढकर 201 ग्राम पहुंच गया। इसी प्रकार 2007-08 के दौरान प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 309 ग्राम सब्जी उपलब्ध थी, जो 2016-17 में बढकर 385 ग्राम हो गई। फूलों विशेषकर कट फ्लावर के उत्पादन में भी देश में अच्छी प्रगति हुयी है जिसका विश्व में व्यापक पैमाने पर निर्यात किया जा सकता है। इसके क्षेत्रफल में लगातार वृद्धि हो रही है। इसी प्रकार से मसालों के क्षेत्र और उत्पादन में भी लगातार वृद्धि हो रही है। मसालों का बड़े पैमाने पर निर्यात भी किया जाता है।