नई दिल्ली। चालू चीनी सत्र में रिकॉर्ड उत्पादन से इसकी कीमतों में आई गिरावट और गन्ना किसानों के बकाये को देखते हुए जीएसटी परिषद् ने चीनी पर सेस लगाने के मामले की समीक्षा के लिए एक मंत्रिसमूह के गठन का निर्णय लिया है। जीएसटी परिषद् की 27वीं बैठक में चीनी पर जीएसटी के अलावा पांच फीसदी सेस लगाने और इथेनॉल पर जीएसटी में कटौती करने के संबंध में विचार विमर्श किया गया।
लेकिन इस मुद्दे पर सहमति न बनने के कारण परिषद् ने पांच राज्यों के वित्त मंत्रियों के एक मंत्रिसमूह के गठन का निर्णय लिया। मंत्रिसमूह को दो हफ्ते के भीतर अपनी रिपोर्ट देनी होगी। उल्लेखनीय है कि जीएसटी लागू होने के बाद से चीनी पर सेस नहीं लगाया जाता। सेस की यह राशि गन्ना बकाये को चुकाने में इस्तेमाल की जाती है।