नई दिल्ली। उद्योग जगत ने राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति के प्रारूप का स्वागत करते हुए कहा है कि यह भारतीय टेलीकॉम उद्योग को गति देने वाला है जिसका डिजिटल अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण योगदान होगा। दूरसंचार कंपनियों के शीर्ष संगठन सीओएआई ने सरकार द्वारा हितधारकों और आम लोगों के लिए सार्वजनिक प्रारूप का उल्लेख करते हुए कहा कि यह संग्रह, केन्द्रित और स्पष्ट रणनीति तय करने वाला है। उसने इस नीति के प्रारूप को वैश्विक ज्ञान क्रांति बताते हुए कहा कि बहुप्रतीक्षित नीति को अब हितधारकों के समक्षा चर्चा के लिए लाया गया है और इससे भारतीय टेलीकॉम उद्योग के मूल्यांकन को निर्देशित करने में मदद मिलेगी।
उसने कहा कि नयी नीति से टेलीकॉम और डिजिटल सेवाओं के विकास के लिए नया मार्ग खुलेगा और इससे 40 लाख नए रोजगार सृजित करने में मदद मिलेगी। संचार उद्योग में प्रस्तावित 100 अरब डॉलर के निवेश से टेलीकॉम उद्योग की देश के विकास में हिस्सेदारी छह प्रतिशत से बढ़कर आठ प्रतिशत हो जाएगी। इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन आॅफ इंडिया ने इस नीति के प्रारूप को स्वागत योग्य बताते हुये कहा कि यह महत्वाकांक्षी नीति है और अगर इसमें से सिर्फ 5 लक्ष्य भी अगर 2022 तक पूरे हो जाते हैं तो यह डिजिटल अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगी।
नीति में 2022 तक के लिए आशावादी लक्ष्य तय किए गए हैं जैसे सभी के लिए ब्रॉडबैण्ड का प्रावधान; डिजिटल कम्युनिकेशन सेक्टर में 40 लाख अतिरिक्त नौकरियां, देश के विकास में डिजिटल कम्युनिकेशन सेक्टर का 8 फीसदी योगदान सुनिश्चित करना तथा भारत को आईटीयू के आईसीटी विकास सूचकांक में शीर्ष पायदान के 50 देशों की सूची में लाना। ये सभी लक्ष्य सामाजिक दृष्टि से प्रासंगिक हैं और इनके माध्यम से भारत दुनिया की डिजिटल कम्युनिकेशन अर्थव्यवस्था में योगदान दे सकेगा।