नई दिल्ली। कोयला और सीमेंट के उत्पादन में वृद्धि होने के कारण मौजूदा वर्ष के मार्च में कोर उत्पादन में 4.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है जबकि इससे पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह आंकड़ा 5.2 प्रतिशत था। सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार बीते वित्त वर्ष 2017- 18 में कोर उत्पादन की वृद्धि दर 4.2 प्रतिशत रही है। इससे पिछले वित्त वर्ष में कोर उत्पादन की बढ़ोतरी 4.8 प्रतिशत थी। कोर उत्पादन के सूचकांक में आधारभूत ढ़ांचा क्षेत्र के आठ प्रमुख उद्योग कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाईनरी, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली शामिल हैं। मार्च 2018 में कोयला क्षेत्र के उत्पादन में 9.1 प्रतिशत वद्धि हुई है जबकि अप्रैल 2017 से मार्च 2018 की अवधि में इसकी बढोत्तरी 2.5 प्रतिशत दर्ज की गयी थी। इसी माह में कच्चे तेल के उत्पादन में 1.6 प्रतिशत की गिरावट आयी है। बीते वित्त वर्ष में इस क्षेत्र का उत्पादन 0.9 प्रतिशत घटा है।
प्राकृतिक गैस का उत्पादन मार्च 2018 में 1.3 प्रतिशत बढ़ा है। अप्रैल 2017 से मार्च 2018 की अवधि में इसका उत्पादन 2.9 प्रतिशत अधिक हुआ है। इसी माह में रिफाइनरी क्षेत्र का उत्पादन 1.0 प्रतिशत अधिक रहा है। बीते वित्त वर्ष में रिफाईनरी क्षेत्र का उत्पादन 4.6 प्रतिशत बढ़ा है।
आंकड़ों के अनुसार मार्च 2018 में उर्वरक का उत्पादन 3.2 प्रतिशत अधिक रहा है। अप्रैल 2017 से मार्च 2018 की अवधि में इसमेंं मामूली 0.03 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है। इसी माह में इस्पात के उत्पादन में 4.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है। बीते वित्त वर्ष में इस क्षेत्र की वृद्धि दर 5.6 प्रतिशत रही है।
सीमेंट के उत्पादन में मार्च 2018 के दौरान 13.0 प्रतिशत की तेजी आयी है। हालांकि बीते वित्त वर्ष में कुल वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत पर दर्ज की गयी है। आलोच्य माह में बिजली का उत्पादन 4.5 प्रतिशत बढ़ा है। अप्रैल 2017 से मार्च 2018 के दौरान बिजली के उत्पादन 5.2 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गयी है।