नई दिल्ली। दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में कॉलेज में पढ़ाई करने वाले छात्रों को होस्टल या पेईंग गेस्ट हाउसों से बेहतर आवासीय सुविधा प्रदान करने वाली स्टार्टअप कंपनी स्टान्जालिविंग ने अपने बिस्तरों की संख्या अगले महीने तक बढ़ाकर दो हजार करने की घोषणा की है। कंपनी के सह संस्थापक संदीप डालमिया और सह संस्थापक अनिंद्या दत्ता ने यहां यह जानकारी देते हुये कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशेषकर विकसित देशों जैसे अमेरिका और कुछ यूरोपीय देशों में छात्रों के रहने की व्यवस्था के अनुरूप भारत में यह सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह कंपनी शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि अभी उनकी कंपनी के पास 100 बिस्तरों की क्षमता है और अगले महीने यह बढ़कर दो हजार हो जायेगी। अभी उनकी कंपनी दिल्ली विश्वविद्यालय के उत्तर और दक्षिण दोनों परिसरों के आसपास के साथ ही नोएडा और ग्रेटर नोएडा में परिचालन कर रही है।
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में उसकी कुल छह संपत्तियां है जिनमें कुल मिलाकर 1200 बेड हो जाएंगे। डालमिया ने कहा कि स्टान्जालिविंग के एक कमरे में अधिकतम तीन छात्रों के रहने की व्यवस्था होती है। छात्रों को बिस्तर के साथ खाना और नाश्ता भी दिया जाता है। साउथ कैंपस में प्रति बेड सात से 10 हजार रुपए मासिक शुल्क लगता है जबकि नोर्थ कैंपस में यह 12 हजार रुपए से लेकर 20 हजार रुपए तक है। उन्होंने कहा कि कंपनी द्वारा संचालित सभी स्टान्जा लाभ कमा रहे हैं और शीघ्र ही कंपनी ब्रेक इवेन पर आ जायेगी।
इसके बाद देश के दूसरे शहरों में भी जाने की योजना बनायी गयी है लेकिन अभी सिर्फ कॉलेज के छात्रों के रहने खाने पर भी ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अभी लघुकालिक विकास योजना बनायी गयी है और उनके पास निवेशकों की ओर से पर्याप्त पूंजी मिल रही है। कंपनी ने पिछले वर्ष नवंबर में दो निवेशकों से 13 करोड़ रुपए जुटाये थे।