नई दिल्ली। सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ाकर 50 खरब डॉलर पर पहुँचाने का लक्ष्य हासिल करने के लिए सरकार ने जिला दर जिला फोकस करने के लिए एक विस्तृत योजना तैयार की है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने बुधवार को बताया कि हर जिले की विकास दर में तीन प्रतिशत की बढ़ोतरी से राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को 50 खरब डॉलर पर पहुंचाने का सपना साकार हो सकेगा। यह लक्ष्य हासिल करने के लिए 'जिला योजना' बनाई जाएगी। योजना के तहत हर जिले में मौजूद संसाधनों, वहाँ की खेती, उद्योग तथा सेवाओं तथा विशेषताओंका आँकलन कर उनके विकास के लिए विशेष खाका तैयार किया जाएगा। प्रभु ने बताया कि हर जिले के लिए कौशल विकास, कारोबार की आसानी, ऋण की उपलब्धता आदि पर ध्यान दिया जाएगा। योजनाओं को कार्यरूप देने के लिए राज्य सरकारों तथा जिला प्रशासन की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
आरंभिक चरण में योजना के क्रियान्वयन के लिए छह जिलों को चुना गया है। ये जिले हैं महाराष्ट्र का सिन्धुदुर्ग और रत्नागिरी, उत्तर प्रदेश का वाराणसी, बिहार का मुजफ्फरपुर, आँध्र प्रदेश का विशाखापत्तनम् और हिमाचल प्रदेश का सोलन। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री के नेतृत्व में एक संचालन समिति योजनाओं के क्रियान्वयन की निगरानी करेगी। समिति में केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालय तथा आरंभिक चरण के पाँचों राज्यों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इन राज्यों में मौजूद भारतीय प्रबंधन संस्थान जिलों के विकास के लिए योजना तैयार करेंगे। जिला स्तर पर एक क्रियान्वयन समिति बनाने का भी प्रावधान है जिसके प्रमुख जिलाधीश होंगे।