नई दिल्ली। सीरिया में चल रहे तनाव के बीच अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें और बढ़ने की आशंका है। वैश्विक रिसर्च फर्म जेपी मॉर्गन ने सोमवार को यह आशंका जताते हुए कहा कि इससे भारत में पेट्रोल की कीमत 90 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच सकती है।
मॉर्गन के मुताबिक अमेरिका द्वारा सीरिया पर किए गए हालिया हमले की वजह से मध्य-पूर्व में तनाव बढ़ गया है। चूंकि तेल उत्पादक देश ईरान भी सीरिया के पक्ष में खड़ा है, इस कारण ईरान पर नए अमेरिकी प्रतिबंध लगने की आशंका भी बढ़ गई है। भारत अपनी जरूरत का अधिकतर तेल आयात करता है, जिसका भुगतान अमेरिकी मुद्रा में किया जाता है।
ऐसे में अगर कीमतें बढ़ीं तो ज्यादा डॉलर देना होंगे, जिसका असर रुपए के भाव पर पड़ेगा। मांग बढ़ने से डॉलर का भाव मजबूत होगा, जबकि रुपए का कम। इससे हम पर दोहरी मार पड़ेगी। मॉर्गन ने बताया फिलहाल अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें वर्ष 2014 के बाद सबसे ज्यादा हैं। अभी मुंबई में पेट्रोल करीब 82 रुपए प्रति लीटर है, जो 90 रुपए तक हो सकता है।
महंगाई बढ़ने की आशंका
तेल की कीमतें बढ़ने से रुपया कमजोर होगा, जिससे सभी तरह के आयात महंगे हो जाएंगे और महंगाई बढ़ने का भी खतरा होगा। कच्चे तेल के लिए ज्यादा कीमत चुकाना होगी, जिसका सीधा असर सरकार के राजकोषीय घाटे पर पड़ेगा और सरकार की उधारी बढ़ेगी। इससे आम आदमी पर भी दोहरी मार पड़ने की आशंका है।
सीरिया का असर पड़ना तय
मॉर्गन का कहना है वैसे तो सीरिया वैश्विक पेट्रोलियम आपूर्ति का केवल 0.04 फीसदी ही उत्पादन करता है, लेकिन इसके पड़ोस में मौजूद कई देश बड़े तेल उत्पादक हैं। सीरिया की सीमा इराक से मिलती है, जो तेल उत्पादक संगठन ओपेक का दूसरा सबसे बड़ा सदस्य है। इसके अलावा सऊदी अरब और ईरान जैसे बड़े तेल उत्पादक देश भी इसके पास हैं। लिहाजा सीरिया के तनाव का असर इन पर भी पड़ेगा और तेल की कीमतें बढ़ेंगी।
घरेलू बाजार में 28 फीसदी महंगा
घरेलू वायदा बाजार में भी तेल के भाव पिछले एक साल में करीब 28 फीसदी बढ़े हैं, जबकि तीन साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो लोकल कमोडिटी एक्सचेंज पर कच्चे तेल के दाम में 32 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज, यानी एमसीएक्स पर कच्चे तेल का अप्रैल वायदा पिछले हफ्ते के अंतिम कारोबारी सप्ताह, यानी 13 अप्रैल को 4,362 रुपए प्रति बैरल पर बंद हुआ, जबकि एक साल पहले 13 अप्रैल 2017 को यह 3,420 रुपए प्रति बैरल पर बंद हुआ था।