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बिजली, पेट्रोलियम, शराब भी आए जीएसटी में : सीआईआई

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Apr 12 2018 8:42PM | Updated Date: Apr 12 2018 8:42PM
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नई दिल्ली।  प्रमुख उद्योग संगठन भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने बिजली, रियल एस्टेट, पेट्रोलियम और शराब को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने और सभी प्रोत्साहनों को समाप्त कर कॉर्पोरेट कर को कम कर 18 प्रतिशत करने की गुरुवार को मांग की। सीआईआई के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राकेश भारती मित्तल ने कार्यभार ग्रहण करने के बाद पहली बार संवाददातााओं से चर्चा में कहा कि जीएसटी को तर्कसंगक बनाया गया है, लेकिन अभी भी इसमें बहुत संभावना है।  उन्होंने पेट्रोलियम, बिजली, शराब और रियल एस्टेट को इसके दायरे में लाने की मांग करते हुये कहा कि जीएसटी के लिए एक दर रखना मुमकिन नहीं है।

इसके लिए दो या तीन दरें रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जीएसटी से कर आधार बढ़ाने में मदद मिली है, लेकिन अभी भी करीब छह करोड़ लोग ही आयकर रिटर्न भर रहे हैं जिनमें से करीब आधा नौकरीपेशा लोग हैं। इसके मद्देनजर आम लोगों से भी आयकर रिटर्न भरने की अपील करते हुये उन्होंने कहा कि कर आधार बढ़ाना बहुत जरूरी है क्योंकि इतने बड़े देश में मात्र छह करोड़ करदाता होना उचित नहीं है।

मित्तल ने कंपनियों को मिल रहे सभी प्रोत्साहनों को समाप्त कर कॉर्पोरेट आयकर की दर को एक समान 18 प्रतिशत करने की पुरजोर वकालत करते हुये कहा कि अमेरिका में इसको 33 प्रतिशत से कम कर सीधे 21 प्रतिशत कर दिया गया है। इसको देखते हुए भारत में भी कॉर्पोरेट कर को 18 प्रतिशत किया जा सकता है। सरकार के 250 करोड़ रुपए तक के कारोबार वाली कंपनियों को 25 प्रतिशत कॉर्पोरेट कर के दायरे में लाने को स्वागत योग्य बताते हुये उन्होंने कहा कि 99 प्रतिशत कंपनियाँ इसके दायरे में आ चुकी हैं।

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