नई दिल्ली। सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया के प्रदर्शन में लगातार तीसरे साल सुधार हुआ है और इसका राजस्व 31 मार्च 2018 को समाप्त वित्त वर्ष में 11 प्रतिशत बढ़ा है। कंपनी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक प्रदीप सिंह खरोला ने यहाँ एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा "एयर इंडिया का प्रदर्शन वित्तीय मापदंडों पर बेहतर हुआ है।" उन्होंने बताया कि इस दौरान राजस्व 11 प्रतिशत बढ़ा है। इसके अलावा साल दर साल आधार पर पैसेंजर लोड फैक्टर (पीएलएफ) भी बढ़कर 80 प्रतिशत पर पहुँच गया है। हालाँकि, उन्होंने स्वीकार किया कि भौतिक मापदंडों पर कंपनी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है।
पिछले चार साल में यह पहली बार है जब कंपनी के राजस्व में कोई बड़ा बदलाव आया है। वित्त वर्ष 2016-17 में समग्र आधार पर एयर इंडिया का राजस्व 20,032.29 करोड़ रुपए रहा था और 11 प्रतिशत की वृद्धि के साथ इसके 22 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा पहुँचने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2013-14 से ही यह 20,140 करोड़ रुपए से 20,6010 करोड़ रुपए के बीच बना हुआ था। एयरलाइन की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान उसका समग्र नुकसान 50.26 प्रतिशत बढ़कर 5,765.11 करोड़ रुपये पर पहुँच गया था। कंपनी पर करीब 60 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है
और सरकार ने इसके रणनीतिक विनिवेश के तहत एयर इंडिया और उसकी इकाइयों एयर इंडिया एक्सप्रेस तथा एआईएसएटीएस अपनी हिस्सेदारी का 76 प्रतिशत बेचने का निर्णय किया है। इसके लिए अभिरुचि पत्र आमंत्रित किये जा चुके हैं। एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस में सरकार की शत-प्रतिशत हिस्सेदारी है जबकि एआईएसएटीएस में वह बराबर की हिस्सेदार है। खरोला ने बताया कि समय पर उड़ान भरने (ओटीपी) के मामले में भी सरकारी विमान सेवा कंपनी का प्रदर्शन बेहतर हुआ है। उन्होंने कोई आँकड़ा नहीं दिया लेकिन कहा "ओटीपी के मामले में भी हमारे प्रदर्शन में उल्लेखनीय सुधार आया है।