नई दिल्ली। किसानों को पिछले चार साल के दौरान कृषि के क्षेत्र में हुई प्रगति तथा आधुनिक तकनीक की जानकारी देने के लिए राष्ट्रीय स्तर का कृषि उन्नति मेला इस बार 16 से 18 मार्च तक भारतीय कृषि अनुसंधान परिसर पूसा में आयोजित होगा। कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने मेला की विशेषताओं की जानकारी देते हुए बताया कि इस बार का मुख्य विषय '2022 तक किसानों की आय दोगुनी' करना है। इसके साथ ही जैविक कृषि पर भी विशेष जोर दिया गया है। उन्होंने बताया कि कृषि क्षेत्र में पिछले चार साल के दौरान हुयी प्रगति की झलक इस मेले में मिल सकेगी। मेले में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और अन्य राज्यों से एक लाख से अधिक किसानों के हिस्सा लेने की संभावना है। मेले में करीब 800 स्टाल लगाये जायेंगे, जिनमें कृषि लागत में कमी, फसलों का लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करना, जोखिम प्रबंधन तथा कृषि से संबंधित गतिविधियों की जानकारी दी जाएगी। स्टालों पर केले के रेशे का उपयोग, मशरुम उत्पादन, वर्मी कम्पोस्ट की तैयारी, कृषि वानिकी और बांस से कलात्मक और उपयोगी वस्तुओ को तैयार करने की कला प्रदर्शन किया जायेगा । ंिसह ने बताया कि जैविक कृषि को लेकर 200 स्टॉल लगाये जायेंगे। इनमें प्राकृतिक खेती, ईको खेती, जूस आधारित खेती, होमा खेती, मून आधारित खेती और वैदिक खेती का प्रदर्शन किया जायेगा। मेले में पशुपालन, डेयरी, मत्स्य पालन और बागवानी को लेकर भी नवीनतम जानकारी दी जाएगी ।
मेला में कृषि विज्ञान केन्द्र, राज्यों के कृषि विश्वविद्यालय राज्यों के कृषि विभाग, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से संबंधित संस्थान और भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान हिस्सा लेंगे। इस दौरान सूक्ष्म सिंचाई विधि वेस्ट वाटर यूटिलाइजेशन तथा पशुपालन का लाइव प्रदर्शन भी किया जाएगा। तीन दिन के इस मेले के दौरान अलग-अलग विषय पर संगोष्ठी और सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। मेले में कपड़ा मंत्रालय, खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय, वाणिज्य मंत्रालय और पूर्वोत्तर राज्यों के स्टॉल भी होंगे। संवाददाता सम्मेलन में कृषि राज्य मंत्री परषोत्तम रुपाला, गजेन्द्र सिंह शेखावत और कृष्णा राज भी उपस्थित थीं।