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किसानों को गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य, आम जनता पर पड़ेगा बोझ, जानिये क्या होगा महंगा

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Mar 8 2018 2:14PM | Updated Date: Mar 8 2018 2:14PM
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बार फिर गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों पर बोझ बढ़ाने का मन बना लिया है। हालांकि केंद्र सरकार ने किसानों का न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की घोषणा की है। जिसका असर आम जनता की जेब पर पड़ेगा। इससे गेहूं के आटे से बनने वाले सामान के लिए उपभोक्ताओं को ज्यादा खर्च करना पड़ेगा। दरअसल इस साल गेहूं की पैदावार कम हो सकती है और सरकार ने इसके लिए ऊंचे न्यूनतम समर्थन मूल्य का ऐलान किया है। इसी मुद्दे पर बात करते हुए आईटीसी लिमिटेड के ग्रुप हेड-एग्रीकल्चर एस शिवकुमार ने कहा किभावांतर भुगतान योजना से यह सुनिश्चित हो सकेगा कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य मिले। इससे प्राइस डिस्कवरी और प्रोक्योरमेंट का काम पूरी तरह बाजार की ताकतों के जिम्मे आ जाएगा। संशोधित एमएसपी प्रभावी होने के बाद कंपनियां शायद इस अतिरिक्त लागत के एक हिस्से का भार उठाएगी, लेकिन बढ़ी लागत के एक हिस्से का भार उपभोक्ताओं पर भी डालना होगा। उन्होंने कहा, किसानों के लिए बेहतर आय सुनिश्चित आय की प्राथमिकता तय करना अच्छी बात है और वक्त की जरूरत भी, लेकिन इसका मतलब निश्चित तौर पर उपभोक्ताओं के लिए ऊंची कीमत होगी। कीमत कितनी ज्यादा होगी यह बाजार के आयाम पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा, केंद्र के फैसले से गेहूं व दालों की उपभोक्ता कीमतें तत्काल प्रभावित हो सकती है क्योंकि सरकार ने एमएसपी लागत के मुकाबले 50 फीसदी ज्यादा देने का प्रस्ताव रखा है। किसान संगठन मांग कर रहे हैं कि एमएसपी का आकलन सी-2 को लागत मानते हुए हो, न कि ए2 व एफएल के आधार पर। उन्होंने कहा, हमें यह भी देखना होगा कि किसानों को ज्यादा एमएसपी के लिए सरकार किस तरह की व्यवस्था तैयार करती है क्योंकि ओपन-ऐंडेड खरीद बाजार को बिगाड़ सकता है। 

 
मध्यप्रदेश सरकार की तारीफ की 
शिवकुमार ने कहा, मध्य प्रदेश की व्यवस्था अच्छी कोशिश है, जहां किसानों को एक तय रकम तब मिलती है जब कीमतें एमएसपी से नीचे चली जाती है और यह उनके खाते में जमा हो जाता है, लेकिन क्या राष्ट्रीय स्तर पर ऐसा हो सकता है, यह देखा जाना अभी बाकी है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से हाल में गेहूं पर 1375 रुपए प्रति क्विंटल के एमएसपी पर 200 रुपए के बोनस का ऐलान हुआ है, जिसका असर आईटीसी पर नहीं पड़ेगा क्योंकि यह राज्य से प्रीमियम गुणवत्ता वाला गेहूं खरीदती है। देश में गेहूं की खरीद करने वाली निजी क्षेत्र की बड़ी कंपनियों में आईटीसी शामिल है। यह सालाना करीब 20 लाख टन गेहूं अपने पैकेज्ड बिजनेस के लिए खरीदती है, जिसमें से मध्य प्रदेश से 2-2.5 लाख टन गेहूं खरीदा जाता है। कंपनी अपने आशीर्वाद ब्रांड आटे से करीब 30 अरब रुपये अर्जित करती है। उन्होंने कहा, वह फार्मलैंड ब्रांड के तहत ताजे फलों व सब्जियों के पोर्टफोलियो का विस्तार करेगी और इसमें आलू व सेब के साथ छह हरी सब्जियां शामिल करेगी।
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