चंडीगड़। पंजाब रीयल एस्टेट रेगुलेटरी आथारिटी (रेरा) ने पंजीकरण फीस की अदायगी के बारे में एक सर्कुलर जारी किया है ताकि प्रमोटरों को पता लग सके कि उनका कौन सा प्रोजेक्ट किस श्रेणी में आता है और उसकी फीस कितनी अदा करनी है। यहां जारी सर्कुलर में स्पष्ट किया गया है कि विला (बंगला) के निर्माण या निजी प्लाटों पर इंडिपैंडेंट मंजिलों के निर्माण के लिए कितनी पंजीकरण फीस अदा करनी है। रेरा एक्ट के सैक्शन 2 मे 'अपार्टमेंट' की परिभाषा का हवाला देते हुए सर्कुलर में बताया गया है
कि अपार्टमेंट को चाहे ब्लाक कहा जाये या चेंबर, निवास स्थान, फÞलैट, कार्यालय, शोरूम, दुकान, गोदाम, सुइट, रिहायश की इकाई या किसी भी अन्य नाम से बुलाया जाए, अर्थात एक अलग अचल संपति जिस में किसी इमारत या प्लाट की एक या एक से अधिक मंजिÞलों या कोई भाग जो रिहायश या व्यापारिक उदेश्य के लिए या व्यापार के इरादे से इस्तेमाल किया जाता हो उसे अपार्टमेंट समझा जाएगा।' सर्कुलर के अनुसार उपरोक्त परिभाषा के हवाले से विला (बंगला) या निजी प्लाटों पर इंडिपैंडेंट मंजिलों का निर्माण स्पष्ट तौर पर 'अपार्टमेंट' की परिभाषा अधीन आते हैं।
इसलिए इन सभी प्रोजैक्ट को पंजीकरण फीस ग्रुप हाउंसिग वाली ही देनी होगी। ज्ञातव्य है कि प्रमोटरों को अब तक यह साफ तौर पर पता नहीं था कि विला (बंगला) के निर्माण या निजी प्लाटों पर इंडिपैंडेंट मंजिÞलों के निर्माण की पंजीकरण फीस की अदायगी किस श्रेणी में आती है क्योंकि ऐसे निर्माण पंजाब स्टेट रियल अस्टेट (रैगूलेशन और डिवैल्पमैंट) नियम 2017 के शड्यूल 1 में दर्र्शाईं श्रेणियों की सूची में शामिल नहीं थे। शड्यूल 1 में दर्ज श्रेणियों में सिर्फ 'ग्रुप हाउंसिग' और ' रिहाइशी प्लाट' शामिल थे।