कानपुर। उत्तर प्रदेश में कानपुर के उद्योगपति एवं रोटोमैक कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी के घर एवं कार्यालय सहित कई ठिकानों पर केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की संयुक्त टीम ने दोबारा छापेमारी की।
कोठारी के खिलाफ शिकंजा कसना तय
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि छापे के दौरान टीम कोठारी की पत्नी साधना को उन बैंकों पर लेकर गई जहां से लोन लिया गया था। इस दौरान संबंधित बैंकों के अधिकारियों के भी टीम ने बयान दर्ज किए। माना जा रहा है कि अलग-अलग बैंकों से कुल 3695 करोड़ रुपए की देनदारी के मामले में कोठारी के खिलाफ शिकंजा कसना तय है।
ईडी ने भी दर्ज किया मामला
उन्होंने बताया कि बैंक आॅफ बडौदा की शिकायत पर सीबीआई ने विक्रम कोठारी सहित तीन निदेशकों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। साथ ही ईडी ने भी (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया है।
कल से जारी छापेमारी
सूत्रों ने बताया कि उपनिदेशक पीके श्रीवास्तव की अगुवाई में सीबीआई और ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की टीम ने कल और आज विक्रम कोठारी के तिलक नगर स्थित आवास सहित कई ठिकानों पर छापेमारी की। दोनों टीमों ने उसके ठिकानों पर फिर दस्तावेज खंगाले और पूछताछ की।
पत्नी और बेटी को लेकर बैंक पहुंची...
उन्होंने बताया कि संयुक्त टीम करीब सुबह 12 बजे विक्रम कोठारी की पत्नी साधना कोठारी और बेटी को लेकर कोटक महिंद्रा बैंक पहुंची। यहां पर खातों और लॉकर की पड़ताल के बाद टीम दोनों को लेकर बैंक आॅफ बडौदा गई। सीबीआई और ईडी ने विक्रम कोठारी, पत्नी साधना कोठारी और बेटा राहुल कोठारी के साथ बैंक अधिकारियों को भी आरोपी बनाया है। टीम सभी के चल और अचल संपत्ति के कागजों की पड़ताल कर रही है।
इन बैंकों में भी पहुंचे...
सूत्रों ने बताया कि उसके बाद टीम विक्रम कोठारी को कंसोर्टियम में शामिल बैंकों में लेकर गई। जिनमें बैंक आॅफ इंडिया, बैंक आॅफ बड़ौदा, बैंक आॅफ महाराष्ट्र, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूनियन बैंक आॅफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक और ओरिएंटल बैंक आॅफ कॉमर्स हैं।
दिल्ली वाले घर को किया सील
उन्होंने बताया कि ईडी ने सीबीआई की एफआईआर को आधार बनाते हुए केस दर्ज कर लिया है। विक्रम कोठारी की संपत्तियों का पता लगाकर आकलन का काम शुरू कर दिया गया है। इसके साथ ही कोठारी के दिल्ली स्थित आवास को सील कर दिया गया है। अभी तक विक्रम कोठारी के कुल 27 बैंकों का कर्जदार होने की जानकारी सामने आ रही है।
धोखाधड़ी कर लिए गए करोड़ रुपए
इस बीच सीबीआई प्रवक्ता अभिषेक दयाल के अनुसार, बैंक आॅफ बड़ौदा ने रोटोमैक ग्लोबल के निदेशक पर फर्जी दस्तावेजों के सहारे 616.69 करोड़ रुपए लेने का आरोप लगाया है। इस साजिश में बैंक के भी अधिकारियों की मिलीभगत हो सकती है।
ऐसे लगाया बैंकों को चूना
उन्होंने बताया कि विक्रम कोठारी ने दो तरीके से बैंकों को चूना लगाया था। पहला, उसने विदेश से आयात के लिए बैंकों से एडवांस में लोन लिया जबकि कंपनी विदेश से असलियत में कुछ आयात करती ही नहीं थी। इसके बाद में यह पैसा रोटोमैक कंपनी में वापस आ जाता था। दूसरी तरफ निर्यात का आॅर्डर दिखाकर बैंकों से लोन लिया जाता था, लेकिन निर्यात करने के बजाय कंपनी पैसे को दूसरी कंपनियों में ट्रांसफर कर देती थी। यह सिलसिला पिछले 10 वर्षों से जारी था। उन्होंने कहा कि भारत और दूसरे देशों में ब्याज दर में अंतर के आधार पर निवेश कर भी कमाई की जाती थी।