28 Mar 2024, 16:15:34 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
Business

स्वच्छ ऊर्जा के लिए उठाया यह कदम, योजना के लिए करोड़ों रुपए का प्रावधान

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Feb 20 2018 2:29PM | Updated Date: Feb 20 2018 2:29PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

नई दिल्ली। स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सरकार राष्ट्रीय बैटरी स्टोरेज मिशन शुरू करने वाली है जिसके लिए आरंभ में 400 करोड़ रुपए का प्रावधान किया जाएगा। ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने मंगलवार को एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं को बताया कि स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में भंडारण एक बड़ी समस्या है। इसे देखते हुए सरकार ने राष्ट्रीय बैटरी स्टोरेज मिशन शुरू करने का फैसला किया है। इसके तहत अब हर सौर एवं पवन ऊर्जा परियोजना में स्टोरेज को जरूरी अंग बनाया जाएगा। साथ ही इस क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास तथा जरूरत पड़ने पर स्टोरेज के निर्माण में मदद के लिए मिशन के तहत आरंभिक चरण में 400 करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान भी किया जाएगा। 

केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा 'बिजली क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास के मौके तथा चुनौतियां' विषय पर आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन के बाद सिंह ने इस संबंध में पूछे जाने पर कहा कि छोटी स्टोरेज क्षमता के निर्माण पर सरकार की तरफ से मदद की जरूरत नहीं होगी। लेकिन, यदि बड़ी स्टोरेज क्षमता बनानी है तो मदद जरूरी हो सकती है। इसके अलावा समुद्र के अंदर तट से दूर पवन ऊर्जा परियोजना लगाने पर बिजली पारेषण की लागत बढ़ जाती है। उस स्थिति में भी क्षतिपूर्ति के रूप में मदद की जरूरत पड़ सकती है। उन्होंने बताया कि अभी मिशन का विस्तृत विवरण तैयार करने का काम चल रहा है, मसलन इसे कैसे लागू किया जाएगा। मिशन की जिम्मेदारी राष्ट्रीय सौर ऊर्जा निगम को दी जा सकती है।

पवन ऊर्जा से उत्पन्न बिजली का संग्रहण मुश्किल

उल्लेखनीय है कि सौर ऊर्जा या पवन ऊर्जा से उत्पन्न बिजली डीसी के रूप में होती है जिसका स्टोरेज एक बड़ी समस्या है। स्टोरेज सस्ता होने से ये परियोजनाएं तेजी से बढ़ेंगी। वर्ष 2022 तक 175 गीगावाट हरित ऊर्जा का लक्ष्य हासिल करने के लिए स्टोरेज की समस्या का समाधान आवश्यक है। सिंह ने अपने संबोधन में भी कहा कि स्टोरेज एक ऐसा क्षेत्र है जिस पर काम करने की जरूरत है। सम्मेलन में कुल 49 शोधपत्र प्रस्तुत किए जाएंगे जिनमें भारतीय संस्थानों तथा वैज्ञानिकों के साथ जर्मनी, अमेरिका और जापान के अनुसंधानकर्ता भी अपना शोध पेश करेंगे। मंत्री ने अच्छे शोधपत्रों के लिए पुरस्कार देने तथा उन शोधों को संयंत्रों में लागू करने के निर्देश दिये। उन्होंने स्वदेशी अनुसंधान को  सिर्फ स्वदेशी होने के कारण हेय दृष्टि से नहीं देखने की सलाह दी।

  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »